अहमदाबाद/हैदराबाद : कनिष्ठ लिपिकों की भर्ती के लिए रविवार को होने वाली गुजरात सरकार की प्रतियोगी परीक्षा प्रश्नपत्र लीक हो जाने के कारण रद्द कर दी गई. यह परीक्षा शुरू होने के कुछ घंटे पहले रद्द की गई. यह जानकारी अधिकारियों ने दी. अधिकारियों ने कहा कि गुजरात आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने वड़ोदरा से इस संबंध में 16 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. बोर्ड ने अभ्यर्थियों को हुई असुविधा के लिए खेद व्यक्त किया और घोषणा की कि परीक्षा जल्द से जल्द नए सिरे से आयोजित की जाएगी, जिसके लिए बोर्ड एक नया विज्ञापन जारी करेगा.
कनिष्ठ लिपिक के 1,181 पदों के लिए राज्य भर के 2,995 केंद्रों पर होने वाली परीक्षा के वास्ते 9.53 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. गुजरात पंचायत सेवा चयन बोर्ड ने एक बयान में कहा कि पुलिस ने एक गुप्त सूचना के आधार पर एक संदिग्ध को हिरासत में लिया और रविवार सुबह होने वाली परीक्षा के प्रश्नपत्र की एक प्रति बरामद की, जिसके बाद गुजरात पंचायत सेवा चयन बोर्ड (जीपीएसएसबी) ने उम्मीदवारों के व्यापक हित में परीक्षा को स्थगित करने का फैसला किया.
राज्य पंचायत विभाग के विकास आयुक्त संदीप कुमार ने पत्रकारों को बताया कि परीक्षा अगले 100 दिन में आयोजित की जाएगी. . उन्होंने कहा कि जीपीएसएसबी जल्द ही अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तारीखों के साथ-साथ स्कूल और कॉलेज की परीक्षाओं की तारीखों को ध्यान में रखते हुए नई परीक्षा तिथि की घोषणा करेगा.
उन्होंने कहा, 'बोर्ड द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है कि अगली परीक्षा के लिए अभ्यर्थी अपने पहचान पत्र (कॉल लेटर/हॉल टिकट) के आधार पर परीक्षा केंद्रों से आने-जाने के लिए गुजरात राज्य परिवहन की बसों में नि:शुल्क यात्रा कर सकेंगे.'
कुमार ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में, बोर्ड ने 21,000 पदों को भरने के लिए 30 लाख से अधिक अभ्यर्थियों को शामिल करते हुए विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन किया है. उन्होंने कहा, 'इन परीक्षाओं में पूरी सुरक्षा, सतर्कता और देखभाल के साथ पारदर्शी तरीके से अभ्यर्थियों का चयन किया गया है.'
वहीं, गुजरात एटीएस के एक अधिकारी ने कहा कि वड़ोदरा से इस सिलसिले में 16 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया क्योंकि एजेंसी पिछले कुछ दिनों से संदिग्धों पर कड़ी नजर रख रही थी. उन्होंने कहा कि राज्य एटीएस ने इसके लिए काफी सक्रिय रुख अपनाया, ताकि परीक्षा निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से आयोजित हो सके.
गुजरात एटीएस के पुलिस अधीक्षक सुनील जोशी ने कहा, 'हमने 16 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. वे एक संगठित गिरोह का हिस्सा हैं, जो विभिन्न राज्यों में सक्रिय है.' पेपर लीक मामले में गुजरात, बिहार, ओडिशा कनेक्शन सामने आया है.
हैदराबाद में तीन गिरफ्तार : गुजरात पंचायत सेवा चयन बोर्ड परीक्षा पेपर लीक मामले में तीन आरोपियों को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने पाया कि संगारेड्डी जिले के आईडीए बोल्लाराम में केएल हाई-टेक प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक हुआ था. गुजरात एटीसी पुलिस ने बोलाराम में प्रिंटिंग प्रेस और जुबली हिल्स में कार्यालय की तलाशी ली. पुलिस ने कहा कि बाद में संगारेड्डी के जीत नायक, ओडिशा के सरदारकर रोहा और एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया. सरदार रोहा एक प्रिंटिंग प्रेस में ऑपरेटर के रूप में काम करता है.
गुजरात, बिहार और ओडिशा कनेक्शन :पेपर लीक मामले में एटीएस की जांच में गुजरात, बिहार, ओडिशा, तेलंगाना का कनेक्शन सामने आया है. एटीएस की टीम ने पेपर लीक करने वाले केतन बारोट, भास्कर चौधरी, प्रदीप नायक, अनिकेत भट्ट, राज बारोट और मोरारी पासवान समेत 16 लोगों को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि ओडिशा का प्रदीप नायक अपने रिश्तेदार जीत नायक के यहां से हैदराबाद से गुजरात पेपर लेकर आया था. जीत नायक को भी एटीएस की टीम ने हैदराबाद से हिरासत में लिया है.
पेपर लीक का मास्टरमाइंड जीत नायक को माना जा रहा है. आरोपी जीत के.एल. प्रिंटिंग प्रेस में काम करता था. जीत ने पेपर चुराकर 30 हजार रुपए में प्रदीप नायक को दे दिया था. प्रदीप नायक ने अपने एक मित्र के माध्यम से बिहार के मोरारी पासवान से संपर्क किया था. मोरारी पासवान का संबंध बड़ौदा के भास्कर चौधरी से उसके मित्र मिंटू और अन्य सहयोगियों के माध्यम से जुड़ा, जिसके बाद आरोपी भास्कर ने केतन बारोट और प्रदीप से संपर्क किया और पेपर लीक करने की साजिश रची.
हालांकि पेपर लीक होने से पहले सभी आरोपी बड़ौदा के एक कोचिंग क्लास में पेपर सॉल्व करने वाले थे. जिसका समय रात दो से चार बजे के बीच तय किया गया था. परीक्षार्थियों को पेपर देने से पहले ही गुजरात एटीएस ने पकड़ लिया था.