अहमदाबादः गुजरात में पथराव करने के (Gujarat stone pelting in Kheda) आरोपी कुछ मुस्लिम लोगों की पुलिसकर्मियों द्वारा सार्वजनिक रूप से डंडे से की गई पिटाई के कारण उपजे विवाद के बीच राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने पूछा है कि क्या मानवता केवल पत्थरबाजों के लिए है, पत्थर से चोटिल हुए लोगों के लिए कोई मानवाधिकार नहीं है. पुलिस ने इस सप्ताह खेड़ा जिले के उंधेला गांव में गरबा नृत्य के प्रतिभागियों पर कथित रूप से पथराव करने के बाद आरोपी अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों की पिटाई की थी.
डंडों से पिटाई करते कुछ पुलिसकर्मियों की कथित वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ था, जिसके बाद घटना की जांच के आदेश दिये गये. पुलिस ने पथराव में कथित रूप से शामिल पांच और लोगों को शुक्रवार को गिरफ्तार किया था और इसी के साथ इस मामले में गिरफ्तार लोगों की संख्या बढ़कर 18 हो (stone pelting accused arrested in Gujarat) गई है. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस मामले में आपराधिक साजिश रचे जाने के एंगल से भी जांच की जा रही है.
एक कार्यक्रम में सांघवी ने कहा, 'मैं नहीं समझ पा रहा कि क्या मनावता का अस्तित्व केवल पत्थरबाजों के लिए है ? क्या उन महिलाओं और बच्चों के लिए कोई मानवाधिकार नहीं है जिनके सिर पर पत्थर लगे ? क्या इनके मानवाधिकार नहीं होना चाहिए ? राज्य गृह मंत्री ने लोगों से पूछा कि क्या गरबा नृत्य का आयोजन सार्वजनिक रूप से नहीं होना चाहिए. इस बीच, मामले की जांच कर रहे विशेष ऑपरेशन समूह (एसओजी) के महानिरीक्षक ध्रुवराज चुडासमा ने कहा कि पुलिस मामले की जांच आपराधिक साजिश के एंगल से भी कर रही है. उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में दर्ज प्राथमिकी में कुल 43 लोगों के नाम है.