अहमदाबाद: गुजरात विधानसभा चुनावों के दूसरे चरण के मतदान खत्म हो चुके हैं. दाहोद जिले में सुबह से ही शांतिपूर्ण माहौल में मतदान शुरू हुआ. चपटा पुलिस की मौजूदगी में जिले के कई मतदाता मतदान करने के लिए बूथों पर पहुंचे. गरबाड़ा विधानसभा क्षेत्र के भीलवा गांव स्थित बूथ में लगी ईवीएम मशीन के खराब होने की सूचना मिलते ही बूथ पर पहुंच गए. सुबह के समय ईवीएम मशीन गलती से क्षतिग्रस्त हो गई.
ईवीएम खराब होने के चलते बूथ पर बैठे मतदाता गरबाड़ा तालुक के भीलवा गांव में मतदान केंद्र, जिसके चलते बूथ पर मतदान रोक दिया गया. मतदान केंद्र पर वोट डालने के लिए लंबी कतारें लगी रहीं. मतदान केंद्र में ईवीएम मशीन बंद होने की सूचना मिलते ही जिला निर्वाचन अधिकारी, तालुका निर्वाचन अधिकारी की टीम दौड़ना शुरू कर दी और गरबाडा निर्वाचन अधिकारी कर्मचारियों के साथ तुरंत भिलवा बूथ पहुंचे. साथ ही ईवीएम मशीन को चालू करने का अभियान चलाया गया.
ईवीएम खराब होने के चलते बूथ पर बैठे मतदाता वहीं अरावली जिले के सखी मंडल बूथों पर मतदान में पहली बार महिलाओं के कौशल का अधिकतम उपयोग करने और चुनाव प्रक्रिया में सहभागी बनकर चुनाव प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए एक सखी मंडल बूथ बनाने का निर्णय लिया गया.
राज्य की 182 विधानसभा सीटों में से एक अरावली जिले के मोडासा में सखी का मंडल बूथ तैयार किया गया है. सखी मंडल के बूथों पर पुरुष और महिला दोनों ही मतदान करेंगे, लेकिन मतदान प्रक्रिया में कार्यरत सभी कर्मचारियों के रूप में महिलाओं को नियुक्त किया गया है.
अरावली में बनाया गया सखी मंडल बूथ महिलाओं को पीठासीन अधिकारी, मतदान कर्मचारी, आरक्षक, पुलिस कर्मचारी सहित सभी जोनल कर्मचारी नियुक्त किया गया है. साथ ही इस बार चुनाव प्रणाली ने एक नई पहल की है और हर विधानसभा क्षेत्र में विकलांगों के लिए मतदान केंद्र तैयार किए हैं.
लोकतंत्र का उत्सव है जो चुनाव प्रक्रिया का प्रबंधन करने के लिए चुनाव ड्यूटी पर विकलांग कर्मचारियों को देखकर आम मतदाता भी मतदान के लिए प्रेरित होंगे. लोकतंत्र के युग में पूरी तरह से विकलांगों द्वारा संचालित इस मतदान केंद्र पर ड्यूटी पर मौजूद चुनाव कर्मचारियों ने शारीरिक अक्षमताओं के बावजूद अपनी ड्यूटी को ईमानदारी से निभाया.
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इसके अलावा चुनाव आयोग द्वारा विभिन्न थीम पर मतदान केंद्र बनाए गए हैं. इसी के चलते अरावली में इको फ्रेंडली बूथ पर मतदाताओं को प्रोत्साहित कर मतदान की शुरुआत की गई. इस बूथ की खास बात यह है कि वहां प्रतिबंधित प्लास्टिक सामग्री का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.
अरावली में बनाया गया ईको फ्रेंडली बूथ अधिक से अधिक काम कागज से होगा. इन मतदान केंद्रों की सभी प्रक्रियाओं में ईको फ्रेंडली सामग्री का इस्तेमाल किया जाएगा. ईको फ्रेंडली बूथ लोगों को प्रतिबंधित प्लास्टिक से दूर रहने के लिए प्रेरित करने का प्रयास करेगा.
महिलाओं ने चलाया पिंक बूथ
मतदान केंद्र पर लगाए गए सीसीटीवी कैमरे चुनाव आयोग द्वारा पहले ही घोषणा कर दी गई थी कि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में सभी विधानसभा क्षेत्रों के लिए एक महिला आरक्षक बूथ शुरू किया गया है. गांधीनगर उत्तर विधानसभा सीट पर महिलाओं द्वारा संचालित पिंक बूथ तैयार किया गया. चुनाव आयोग के नियमानुसार गांधीनगर उत्तर विधानसभा सीट पर महिलाओं द्वारा संचालित मतदान केंद्र तैयार किया गया, जिसमें चुनाव की सारी जिम्मेदारी महिलाओं के सिर पर है.