नई दिल्ली : गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Election 2022) सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी के लिए नाक का सवाल है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य में चुनाव को लेकर पार्टी ने पूरा जोर लगा रखा है. भाजपा ने प्रधानमंत्री के साथ-साथ अपने तमाम नेताओं, केंद्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों की भारी भरकम फौज को गुजरात चुनाव में उतार दिया है. साथ ही इनको निर्देश दिए हैं कि भाषण के दौरान गुजराती भाषा का इस्तेमाल करें. चुनावी संबोधन गुजराती में शुरू करने के लिए ही कहा गया है, ताकि जनता उनसे साथ सीधे तौर पर जुड़ सके (BJP Leaders using Gujarati vocabulary).
गुजरात के नेता गुजराती बोलकर जनता से सीधे कनेक्ट कर सकते हैं, लेकिन बाहर के नेताओं के लिए गुजरात की जनता से सीधे कनेक्ट होना आसान नहीं है. इस कठिनाई को दूर करने के लिए बाकायदा शब्दावली बनाई गई है. पाठशाला में इसे पढ़कर वह उन शब्दों का इस्तेमाल अपने भाषण में करेंगे.
सिखाए जा रहे गुजराती शब्द : गुजरात पहुंचे नेताओ को चुनाव से जुड़े शब्द गुजराती में बताए जा रहे हैं, ताकि आम जनता से बेहतर कनेक्शन बनाया जा सके. चुनावी संबोधन भी गुजराती में शुरू करने के लिए ही कहा गया है. इसके लिए पार्टी के राज्य इकाई का एक धड़ा विधानसभा में चुनाव प्रचार के लिए दूसरे राज्यों से आए नेताओं के साथ संवाद स्थापित कर उन्हें गुजराती शब्दों की ट्रेनिंग दे रहा है. ताकि ये नेतागण अपने भाषण में उन शब्दों का इस्तेमाल कर सकें जिन्हें एक आम गुजराती वोटर आसानी से समझ सके.
दरअसल चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी की लोकल रिसर्च टीम ने पार्टी को रिपोर्ट दी है कि हिंदी में दिए जाने वाले भाषण को यहां के लोग पूरी तरह नहीं समझ पाते हैं. यहां तक की लोकल अखबारों में भी खबर गलत छप जाती है, लिहाजा इस समस्या से निपटने के लिए बीजेपी ने अब अपने नेताओं को गुजराती शब्द सिखाने शुरू कर दिए हैं.