नई दिल्ली: गुजरात चुनाव के दूसरे चरण से ठीक एक दिन पहले दिल्ली में एमसीडी के चुनाव भी हो रहे हैं. विश्लेषक मानते हैं कि ऐसा इसलिए किया गया है, जिससे आम आदमी पार्टी एमसीडी और गुजरात चुनावों के बीच फंस कर रह जाए. बहरहाल आम आदमी पार्टी ने इससे लड़ने के लिए दोनों जगह अपनी कमर कस ली है. झाड़ू चुनाव चिह्न वाली पार्टी आम आदमी पाटी ने दिल्ली में कूड़े के पहाड़ों को अपना मुद्दा बना लिया है.
गाज़ीपुर, भलस्वा और ओखला को दिखा कर वो ये दावा कर रही है कि भारतीय जनता पार्टी दिल्ली में ही 16 और ऐसे ही कूड़े के पहाड़ दिल्ली में बनाने जा रही है. दूसरी ओर बीजेपी के नेताओं ने इस मुद्दे को सफाईकर्मियों के अपमान से जोड़ दिया. उनका कहना है कि आम आदमी पार्टी सफाईकर्मियों को नाकारा बता कर 60 हजार सफाई करने वालों की बेइज्जती कर रही है, जो रोज 11 हजार मीट्रिक टन कूड़ा उठाते हैं. चुनाव प्रचार में आम आदमी पार्टी के नेताओं ने भी दिल्ली-गुजरात एक किया हुआ है.
हालांकि जानकारों की राय मानें तो आम आदमी पार्टी को एक साथ दो राज्यों में चुनाव लड़ने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि उसके संसाधन और नेता बीजेपी से काफी कम हैं. लेकिन स्वास्थ्य, सफाई और शिक्षा से लेकर, पहले से कुर्सी पर कायम बीजेपी को पछाड़ने की उनकी पुरजोर कोशिश कायम है. पार्टी की सोच है कि ये सारे मुद्दे चूंकि स्थानीय स्तर के मुद्दे हैं और दोनों राज्यों में कॉमन फैक्टर हैं, इसलिए उन्हें बहुत मुश्किल नहीं होगी.
उधर आम आदमी पार्टी पर हमलावर बीजेपी केजरीवाल की 10 गारंटियों को अपने ढंग से पेश कर रही है. ट्विटर पर केजरीवाल की 10 उपलब्धियों में शराब घोटाला, तिहाड़ में उगाही, सत्येंद्र का हवाला घोटाला, क्लासरूम घोटाला, बस घोटाला, पराली से दिल्ली बनी गैस चेम्बर, यमुना प्रदूषण, जीरो अस्पताल, जीरो कॉलेज और पानी की कमी से दिल्ली में मचा हाहाकार बीजेपी गिनवा रही है. मंत्रियों के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप पहले ही लग चुके हैं, इसलिए इन हमलों के जवाब भी आम आदमी पार्टी को देने पड़ रहे हैं.