सूरत :गुजरात के सूरत में यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (Surat pocso court) की एक अदालत ने ढाई साल की बच्ची के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या करने के मामले (Surat rape murder case) में 35 वर्षीय प्रवासी मजदूर को मंगलवार को मौत की सजा सुनाई और मामले को 'दुर्लभ से दुर्लभतम' (rare of the rarest case) करार दिया. यह घटना पिछले महीने की है.
त्वरित सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए पांडेसरा पुलिस ने आठ नवंबर को मजदूर को गिरफ्तार करने के बाद सात दिन के भीतर ही आरोप-पत्र दाखिल कर दिया था. अदालत ने मामले में 43 गवाहों के बयान दर्ज किए और एक महीने के अंदर फैसला सुना दिया.
अदालत ने सोमवार को आरोपी गुड्डू यादव को भारतीय दंड संहिता और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत अपहरण, बलात्कार और हत्या के विभिन्न आरोपों में दोषी ठहराया था.
पीड़ित परिवर को 20 लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश
पॉक्सो अदालत के न्यायाधीश पीएस कला ने मंगलवार को 'दुर्लभ से दुर्लभतम' पाया और गुड्डू को भारतीय दंड संहिता की धारा 376-एबी और 302 के तहत मौत की सजा सुनाई. अदालत ने राज्य सरकार को बच्ची के परिवर को 20 लाख रुपये बतौर मुआवजा देने का निर्देश भी दिया.
सुनवाई के अंतिम दिन, लोक अभियोजक नयन सुखाड़वाला ने दोषी के लिए मृत्युदंड की मांग की थी, जो बिहार का रहने वाला है और वर्तमान में अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ सूरत शहर के पांडेसरा इलाके में रहता था. वह एक कारखाने में काम करता था.