अहमदाबाद : बुलेट ट्रेन परियोजना के नाम से मशहूर मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर (एमएएचएसआर) का काम देख रहे अधिकारियों का कहना है कि कार्य तेजी से चल रहा है और उन्होंने गुजरात में एक महीने में तीन नदी पुलों का निर्माण किए जाने की जानकारी दी. हाई स्पीड कोरिडोर का निर्माण कर रहे राष्ट्रीय हाई स्पीड रेल कॉरिडोर (एनएचएसआरसीएल) के अधिकारियों का कहना है कि पिछले छह महीने में 24 पुलों में से चार का निर्माण किया जा चुका है.
एनएचएसआरसीएल ने एक विज्ञप्ति में कहा कि इन चार में से तीन पुलों का निर्माण एक महीने में नवसारी जिले में किया गया है, जो कि हाई स्पीड रूट पर बिलिमोरा और सूरत स्टेशन के बीच स्थित है. बता दें कि इस कॉरिडोर पर 24 नदी पुल हैं, जिसमें से 20 गुजरात और बाकी बचे हुए 4 पुल महाराष्ट्र में हैं. भारतीय रेलवे की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एनएचएसआरसीएल का कहना है कि पहला पुल पूर्णा नदी पर, दूसरा मिन्धोला नदी पर और तीसरा पुल अंबिका नदी पर बनाया गया है. एमएएचएसआर कॉरिडोर ने काफी प्रगति की है क्योंकि पिछले एक महीने में तीन नदी पुल बनकर तैयार हो चुके हैं.
गुजरात में सबसे लंबा नदी पुल 1.2 किलोमीटर का है और इसे नर्मदा नदी पर बनाया जा रहा है. वहीं इस गलियारे का सबसे लंबा नदी पुल महाराष्ट्र में 2.28 किलोमीटर का है, जिसे वैतरणा नदी पर बनाया जा रहा है. एनएचएसआरसीएल के प्रबंध निदेशक राजेंद्र प्रसाद का कहना है कि नदियों पर पुलों के निर्माण के लिए कुशल योजना की जरूरत होती है. उन्होंने कहा कि मिन्धोला और पूर्णा नदी पर पुलों के निर्माण के दौरान अरब सागर की लहरों पर करीब से नजर रखी गई थी. उन्होंने बताया कि अंबिका नदी पर पुल के निर्माण के लिए हमारे इंजीनियरों ने 26 मीटर की ऊंचाई से काम किया.
एनएचएसआरसीएल का कहना है कि पूर्णा नदी पर बना पुल 360 मीटर लंबा है और इसके निर्माण के दौरान अरब सागर में उच्च और निम्न ज्वार पर लगातार निगरानी की जरूरत थी. एनएचएसआरसीएल के मुताबिक, पुल की नींव रखने का काम भी काफी चुनौतीपूर्ण था क्योंकि नदी में पानी का स्तर उच्च ज्वार के दौरान पांच से छह मीटर तक बढ़ जाता था. अधिकारी ने कहा कि मिन्धोला नदी पर 240 मीटर लंबे पुल के निर्माण के लिए अरब सागर में उच्च और निम्न ज्वार पर लगातार नजर रखी गई. वहीं अंबिका नदी पर 200 मीटर लंबे पुल के लिए नदी तट के तीव्र ढलान ने चुनौती पैदा की थी.