मोरबी (गुजरात) :गुजरात के मोरबी में रविवार को हुए ब्रिज हादसे में मरने वालों की संख्या 134 हो गई है. ये केबल ब्रिज मच्छु नदी पर बना था. रविवार शाम ब्रिज अचानक से टूट गया और सैकड़ों लोग नदी में समा गए. हादसे के बाद कई सवाल खड़े हो गए हैं कि आखिर केबल पुल के गिरने की वजह क्या है, इसका प्रभारी कौन है, क्या इसके लिए मंजूरी दी गई थी आदि. बताया जाता है कि रविवार होने की वजह से ब्रिज देखने के लिए 400 से अधिक लोग वहां पहुंचे थे. समझा जाता है कि पुल पर अधिक संख्या में लोगों के चढ़ जाने की वजह से यह पुल गिर गया. पुल गिरने से 56 बच्चों सहित 134 लोगों की मौत हो गई. हालांकि कई लोगों को बचा भी लिया गया. केबल ब्रिज की क्षमता 100 लोगों की थी, फिर पुल पर करीब 400 से 500 लोग आए और अन्य आंकड़ों के अनुसार, चार दिनों में 12,000 लोग पुल पर गए.
1880 में बनवाया गया था पुल :मोरबी में मच्छु नदी पर इस पुल का उद्घाटन मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने 20 फरवरी, 1879 को किया था. उस वक्त इसे बनाने में करीब 3.5 लाख रुपये खर्च हुए थे. इस पुल के निर्माण का सारा सामान ब्रिटेन से आया था. यह पुल 1880 में बनकर तैयार हुआ था. इस पुल की लंबाई 765 फीट थी. आसान शब्दों में कहें तो यह पुल 1.25 मीटर चौड़ा और 230 मीटर लंबा था. यह पुल भारत की आजादी के संघर्ष का गवाह भी रहा है. यह भारत के सबसे पुराने पुलों में से एक था, इसलिए यह टूरिस्ट प्लेस बन चुका था.
6 महीने की मरम्मत के बाद खोला गया था :यह पुल पिछले 6 महीने से मरम्मत की वजह से लोगों के लिए बंद था. जीर्णोद्धार के बाद इसे शुरू किया गया था. पुल की मरम्मत का कार्य इंजीनियरों, ठेकेदारों और एक समूह के द्वारा पूरा किया गया था. इन 6 महीनों में पुल की मरम्मत पर करीब 2 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. वहीं जिंदल कंपनी ने इस हैंगिंग ब्रिज के नवीनीकरण के लिए प्राथमिक सामग्री का प्रोडक्शन किया. वहीं पुल के लिए एक विशिष्ट गुणवत्ता की एल्यूमीनियम शीट भी बनाई गई थी जो हल्की होती है.
बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के कैसे खुला पुल :मोरबी नगर पालिका के मुख्य अधिकारी संदीप सिंह जाला ने कहा, पुल को 15 साल के लिए संचालन और रखरखाव के लिए ओरेवा कंपनी को दिया गया था. इस साल मार्च में, इसे मरम्मत के लिए जनता के लिए बंद कर दिया गया था. 26 अक्टूबर को गुजराती नववर्ष दिवस पर मरम्मत के बाद इसे फिर से खोल दिया गया था. निर्माता के अनुसार पुल को 15 साल तक चलना था लेकिन खोले जाने के चौथे दिन हैंगिंग ब्रिज गिर गया.
अपराधियों को नहीं बख्शा जाएगा:मोरबी रेंज के आईजी अशोक यादव के मुताबिक घटना को लेकर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. विशेष जांच दल के गठन के साथ जांच शुरू हो चुकी है. उन्होंने कहा कि संदिग्धों से पूछताछ के बाद अन्य लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
वहीं अग्निशमन सेवा के सूत्रों के अनुसार, किसी भी नए पुल के निर्माण को शुरू करने से पहले क्षमता का मूल्यांकन करना महत्वपूर्ण है. जिसमें उस स्थान को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक वस्तु की जांच की जाती है. इसके बाद व्यापक परीक्षण और मूल्यांकन के बाद ही एक पुल का फिटनेस प्रमाणपत्र जारी किया जाता है. हालांकि प्रत्येक नगर पालिका के अपने मानदंड होते हैं.