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बिल्कीस बानो केस में रिहा किये गये दोषियों पर बीजेपी विधायक का विवादित बयान, ब्राह्मण हैं, उनके अच्‍छे संस्‍कार हैं

गुजरात में गोधरा के मौजूदा भाजपा विधायक सीके राउलजी ने बिल्कीस बानो केस में जेल से रिहा हुए 11 दोषियों का फूल मालाओं और मिठाई से स्‍वागत करने वालों का भी समर्थन किया.

Gujarat BJP MLA On Bilkis Bano Case said they are Brahmins and brahmins Had Good sanskar
बिलकिस बानो केस पर गुजरात बीजेपी विधायक ने कहा कि वे ब्राह्मण हैं और ब्राह्मणों ने अच्छा संस्कार दिया

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Published : Aug 19, 2022, 11:35 AM IST

Updated : Aug 19, 2022, 12:15 PM IST

नई दिल्ली: बिल्कीस बानो के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काटने वाले 11 दोषियों की रिहाई का मुद्दा चर्चा का विषय बन गया है. इस मामले में गोधरा से बीजेपी विधायक का विवादित बयान सामने आया है. गोधरा विधायक सी.के. राउलजी ने कहा कि बिल्कीस बलात्कार मामले में वर्षों के बाद जेल से रिहा किए गए 11 दोषी ब्राह्मण थे और इसलिए उनके अच्छे संस्कार थे. विशेष रूप से उन्होंने उन लोगों का भी समर्थन किया जिन्होंने 11 दोषियों का फूल और मिठाई से स्वागत किया.

गोधरा के मौजूदा भाजपा विधायक ने एक साक्षात्कार में बिल्कीस बानो के साथ बलात्कार मामले में 15 साल बाद रिहा किए गए दोषियों के बारे में कहा कि वे ब्राह्मण हैं और ब्राह्मण अच्छे व्यवहार के लिए जाने जाते हैं. शायद किसी का उल्टा मकसद उन्हें घेरना और उन्हें सजा देना था. गुजरात में 2002 के गोधरा कांड के बाह हुई हिंसा में जीवित बची बिलकिस बानो ने कहा है कि उनके और परिवार के सात सदस्यों से संबंधित एक मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे सभी 11 दोषियों की समय से पहले रिहाई ने न्याय में उनके विश्वास को हिला दिया है और उन्हें स्तब्ध कर दिया है. उन्होंने गुजरात सरकार से इस नुकसान को पूर्ववत करने और बिना किसी डर और शांति से जीने का अधिकार वापस देने की अपील की है.

2002 में बिल्कीस बानो के सामूहिक बलात्कार और दंगों के दौरान उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा पाए 11 दोषियों को सोमवार को गोधरा उप-जेल से रिहा किया गया था. गुजरात में भाजपा की सरकार ने उनकी रिहाई की अनुमति दी थी. इस कदम की आलोचना करते हुए, बिल्कीस बानो ने बुधवार को कहा कि इतना बड़ा और अन्यायपूर्ण निर्णय लेने से पहले किसी ने भी उनकी सुरक्षा और भलाई के बारे में नहीं पूछा.

बिल्कीस बानो ने अपने वकील शोभा द्वारा जारी एक बयान में कहा, '15 अगस्त, 2022 को, पिछले 20 वर्षों का आघात मुझ पर फिर से छा गया जब मैंने सुना कि 11 दोषी लोग जिन्होंने मेरे परिवार और मेरे जीवन को तबाह कर दिया और मेरी तीन साल की बेटी को मुझसे छीन लिया, वे मुक्त हो गए.' उसने कहा, 'मेरे पास शब्दों की कमी हो गयी. मैं अभी भी स्तब्ध हूं.

गोधरा ट्रेन जलने की घटना से भड़के सबसे भीषण दंगों में से एक में सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या की पीड़िता ने कहा. बिल्कीस बानो ने कहा कि वह केवल इतना कह सकती है कि किसी भी महिला के लिए यह न्याय कैसे समाप्त हो सकता है ?' उसने कहा, 'मैंने अपनी भूमि की सर्वोच्च अदालतों पर भरोसा किया. उसने कहा, 'मुझे सिस्टम पर भरोसा था और मैं धीरे-धीरे अपने आघात के साथ जीना सीख रहा था. इन दोषियों की रिहाई ने मेरी शांति छीन ली है और न्याय में मेरे विश्वास को हिला दिया है. मेरा दुख और मेरा डगमगाता विश्वास केवल मेरे लिए नहीं है, बल्कि हर उस महिला के लिए है जो अदालतों में न्याय के लिए संघर्ष कर रही है.'

पीड़िता ने राज्य सरकार से दोषियों की रिहाई के बाद उसकी और उसके परिवार के सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा. उन्होंने कहा, 'मैं गुजरात सरकार से अपील करती हूं, मुझे बिना किसी डर और शांति के जीने का मेरा अधिकार वापस दें. कृपया सुनिश्चित करें कि मेरा परिवार और मुझे सुरक्षित रखा जाए.' गुजरात सरकार ने सभी 11 दोषियों को रिहा कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने 1992 की छूट नीति के तहत राहत के लिए उनकी याचिका पर विचार करने का निर्देश दिया.

मुंबई की एक विशेष सीबीआई अदालत ने 21 जनवरी 2008 को हत्या और सामूहिक बलात्कार के मामले में 11 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट ने उनकी सजा को बरकरार रखा. इन दोषियों ने 15 साल से अधिक समय तक जेल में सेवा की, जिसके बाद उनमें से एक ने अपनी समयपूर्व रिहाई के लिए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.

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शीर्ष अदालत ने गुजरात सरकार को उसकी सजा की छूट के मुद्दे को उसकी 1992 की नीति के अनुसार उसकी सजा की तारीख के आधार पर मामले को देखने का निर्देश दिया था. इसके बाद, सरकार ने एक समिति का गठन किया और एक आदेश जारी किया जिसमें सभी को समय से पहले रिहा करने की अनुमति दी गई. 3 मार्च 2002 को दाहोद जिले के लिमखेड़ा तालुका के रंधिकपुर गांव में भीड़ ने बिल्कीस बानो के परिवार पर हमला किया था. बिल्कीस बानो जो उस समय पाँच महीने की गर्भवती थी, के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और उसके परिवार के सात सदस्यों को दंगाइयों ने मार डाला.

Last Updated : Aug 19, 2022, 12:15 PM IST

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