राजकोट: गुजरात एटीएस (Gujarat Ats) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए राजकोट से आतंकी संगठन अलकायदा से जुड़े तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया है. एटीएस ने उसके पास से अलकायदा के पर्चे और अन्य सामग्री भी बरामद की है. गिरफ्तार किए गए तीन संदिग्धों के नाम अमन मलिक, शुकूर अली और सैफ नवाज हैं. एटीएस ने इनके पास से हथियार भी बरामद किए हैं. एटीएस के मुताबिक, ये तीनों लंबे समय से अल-कायदा के संपर्क में थे. गिरफ्तार संदिग्ध पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं. वह पिछले एक साल से राजकोट के सोनी बाजार में सोने और चांदी के कारीगर के तौर पर काम कर रहे थे. एटीएस ने उसके पास से एक पिस्तौल और 10 कारतूस बरामद किए हैं. तीनों आरोपी राजकोट में रहकर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल थे.
इसकी वजह से एटीएस ने इन लोगों पर नजर रखी और कोई अन्य गतिविधि करने से पहले ही इन आतंकियों को विशेष अभियान चलाकर पकड़ लिया. इन आतंकियों का आगे का मकसद के बारे में अभी पता नहीं चल सका है. हालांकि एटीएस के द्वारा इस मामले में आतंकियों से आगे की पूछताछ की जा रही है.
इस संबंध में एटीएस एसपी ओम प्रकाश जाट ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, एटीएस डीवाईएसपी हर्ष उपाध्याय को सूचना मिली थी कि पश्चिम बंगाल के तीन आतंकी राजकोट के सोनी बाजार में हैं और देश विरोधी गतिविधियां कर रहे हैं. इसके आधार पर एटीएस की ओर से तुरंत इस मामले में दो टीमें गठित की गईं और इन तीनों आतंकियों पर नजर रखी गई. तीनों को सोमवार को शहर के अलग-अलग इलाकों से गिरफ्तार किया गया था. वहीं जांच में पता चला है कि अमन मलिक नाम का आतंकी पिछले एक साल से टेलीग्राम एप्लीकेशन के जरिए अपने विदेशी हैंडल अबू तल्हा उर्फ फुरसान के संपर्क में था. साथ ही अमन मलिक उसकी वजह से ही अल-कायदा में शामिल हुआ था. जबकि ये आतंकी इस काम के लिए कन्वर्जन एप्लिकेशन का इस्तेमाल कर रहे थे.
एटीएस की जांच में पता चला है कि इस आतंकी के मोबाइल से देश विरोधी गतिविधियों से जुड़े कई संदिग्ध वीडियो और साहित्य बरामद हुए हैं. जबकि राजकोट में उसने परिचित शुकूर अली और सैफ नवाज को भी अल-कायदा में शामिल होने के लिए प्रेरित किया था. साथ ही इस लोगों ने एक पिस्तौल भी खरीदने के साथ ही इंटरनेट के जरिए स्वचालित हथियार चलाने की जानकारी भी हासिल की थी. एटीएस ने आतंकियों के पास से एक पिस्तौल, 10 जिंदा कारतूस और पांच मोबाइल फोन जब्त किए हैं. फिलहाल मोबाइल फोन को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है. इसको लेकर एटीएस ने तीन मामले दर्ज किए हैं. साथ ही इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 121 के और आर्म्स एक्ट की धारा 25 (1B) ए के तहत अपराध दर्ज किया गया है.
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