अहमदाबाद (गुजरात): गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 के पहले चरण और दूसरे चरण के लिए उम्मीदवारों की सूची घोषित कर दी गई है. बीजेपी ने 166 और कांग्रेस ने 96 सीटों के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है. लेकिन कांग्रेस से ज्यादा भाजपा में असंतोष है. नेताओं और कार्यकर्ताओं का विरोध आंखें खोलने वाला है. ईटीवी भारत की एक विशेष रिपोर्ट... जिन्हें पिछले दो दिनों से अहमदाबाद बीजेपी और गुजरात में कांग्रेस को टिकट नहीं मिला है. ऐसे लोगों की आवाजाही बढ़ गई है.
नेता और कार्यकर्ता अपनी आवाज सुनाने के लिए क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचे. बीजेपी हो या कांग्रेस मोदी मंडल ने उनकी बात सुनकर डैमेज कंट्रोल करने के लिए राजी करने का रास्ता अपनाया है. भाजपा ने कल और आज पूरे दिन मंत्रियों को डैमेज कंट्रोल के लिए जिम्मेदार ठहराया और निजी तौर पर बैठकें किए जाने की खबरें आ रही हैं. हालांकि अभी तक असंतोष दूर नहीं हो सका है. आने वाले चुनाव में भाजपा और कांग्रेस की बगावत नुकसानदेह साबित हो सकती है.
वड़ोदरा की सीट वाघोड़िया, करजन और पादरा सीटों पर निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे नाराज नेताओं को मनाने की जिम्मेदारी राज्य के गृह मंत्री को सौंपी गई है. निजी बैठकें कर डैमेज कंट्रोल करने का प्रयास किया जा रहा है. हर्ष सांघवी वड़ोदरा चले गए हैं. वडोदरा की कर्जन सीट पर कांग्रेस से भाजपा में विधायक बने अक्षय पटेल के वडोदरा के पूर्व विधायक सतीश पटेल के निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी से खफा हैं.
पाडरा सीट पर नगर पालिका अध्यक्ष चैतन्य सिंह झाला को टिकट दिए जाने के बाद पूर्व विधायक और बड़ौदा डेयरी के अध्यक्ष दिनेश पटेल (दीनू मामा) ने भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. दबंग विधायक मधु श्रीवास्तव ने पहले अपनी पत्नी के लिए और फिर वाघोड़िया सीट से खुद के लिए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा की थी. इस प्रकार वडोदरा में तीन सीटों के खतरे के साथ, भाजपा का मोवाडी मंडल भाग रहा था.