अहमदाबाद : गुजरात की एक विशेष अदालत ने गुरुवार को 2002 के नरोदा गाम दंगों के मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पूर्व मंत्री माया कोडनानी, विहिप नेता जयदीप पटेल और बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी सहित सभी 67 आरोपियों को बरी कर दिया (Naroda Gam Riot Case).
अहमदाबाद स्थित एसआईटी मामलों के विशेष न्यायाधीश एस के बक्शी की अदालत ने गोधरा मामले के बाद भड़के भीषण दंगों में से एक नरोदा गाम दंगों से जुड़े इस बड़े मामले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया. इस मामले की जांच उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल ने की थी.
जिन आरोपियों को बरी किया गया उनमें कोडनानी, विहिप नेता जयदीप पटेल और बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी शामिल हैं. इस मामले में कुल 86 आरोपी थे, जिनमें से 18 की सुनवाई के दौरान मौत हो गई, जबकि एक को अदालत ने पहले आरोपमुक्त कर दिया था.
नरोदा गाम दंगा मामले का घटनाक्रम
28 फरवरी, 2002: गोधरा ट्रेन अग्निकांड के एक दिन बाद दक्षिणपंथी संगठनों के बुलाए बंद के दौरान अहमदाबाद के नरोदा गाम इलाके में भड़की हिंसा में मुस्लिम समुदाय के 11 लोग मारे गए.
मई 2009:गुजरात उच्च न्यायालय ने नरोदा गाम मामले में सुनवाई के लिए एस एच वोरा को न्यायाधीश नियुक्त किया.
मई 2009:उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने भाजपा नेता और प्रदेश की पूर्व मंत्री माया कोडनानी, विश्व हिंदू परिषद के नेता जयदीप पटेल, बाबू बजरंगी और अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया.
मई 2009: उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120 (बी) (आपराधिक षड्यंत्र), 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 395 और 397 (लूटपाट) और 143 से 147 (दंगा) के तहत आरोप दाखिल किए गए. आरोप पत्र के मुताबिक कोडनानी और पटेल ने भीड़ की अगुवाई की.
जुलाई 2009:एसआईटी ने अपना नौवां आरोप पत्र दायर किया और विशेष अदालत की कार्यवाही शुरू हुई.
जुलाई 2010:मामले में आरोपियों की कुल संख्या 86 हुई और एसआईटी ने तीन और लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया.
अगस्त 2012:एक विशेष अदलत ने कोडनानी और बाबू बजरंगी समेत 32 लोगों को गोधरा कांड के बाद नरोदा पाटिया में घटी एक अन्य घटना के मामले में दोषी ठहराया.
नवंबर 2012: न्यायाधीश एस एच वोरा को गुजरात उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में प्रोन्नत किया गया. ज्योत्सना याग्निक ने नरोदा गाम मामले में पीठासीन न्यायाधीश के रूप में कामकाज संभाला.