दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

UP NEWS: वाराणसी में कमाल, पांच साल में बढ़े 100 से ज्यादा नए करोड़पति - Kashi Vishwanath Dham

धर्म नगरी काशी बीते 8 सालों में न सिर्फ विकास के मानक पर बदल गई बल्कि यहां के लोगों के जीवन में भी एक बड़ा परिवर्तन देखने को मिला. इस बड़े परिवर्तन का परिणाम है कि काशी में करोड़पतियों की तादाद बढ़ने लगी है. बनारस के चौतरफा विकास ने यहां करोड़पतियों की संख्या में इजाफा कर दिया है (new millionaire increased in Varanasi).

वाराणसी में कमाल
वाराणसी में कमाल

By

Published : Jan 18, 2023, 6:30 PM IST

काशी के करोड़पतियों और टैक्सपेयर्स के बारे में स्पेशल रिपोर्ट, जरूर देखें.

वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनने के बाद से वाराणसी में इन्फ्रास्ट्रक्चर और टूरिज्म से जुड़े प्रोजेक्ट पर खूब काम हो रहा है. इस कारण यहां के छोटे दुकानदारों और बड़े कारोबारियों को भी मिला. सीजीएसटी कमिश्नर विकास कुमार के मुताबिक, 2017 के बाद से वाराणसी में टैक्स देने वाले कारोबारियों की तादाद भी बढ़ी. जीएसटी के आंकड़ों के विश्लेषण से यह सामने आया कि पिछले पांच फाइनैंशल ईयर के दौरान वाराणसी में 100 से अधिक छोटे कारोबारी करोड़पति बने (millionaire increased in Varanasi).

जीएसटी कमिश्नर भी करोड़पतियों की बढ़ती संख्या से हैरान हैं.
काशी में अब धनाढ्य यानी अमीरों की तादाद लगातार बढ़ रही है. अमीर बढ़ रहे हैं तो सरकार की आमदनी भी बढ़ रही है. सीजीएसटी कमिश्नर के अनुसार, 2017 के बाद से हर साल गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) देने वाले कारोबारियों की संख्या में करीब 20 पर्सेट प्रति साल की दर से बढ़ोतरी हुई है. 2014 के मुकाबले पिछले आठ साल में जीएसटी देने वाले कारोबारियों की संख्या में कुल 70 पर्सेंट का इजाफा हुआ है. साथ ही इस अवधि में 100 से ज़्यादा नए करोड़पति भी बनारस में बढ़ गए है. इस आंकड़े को देखकर टैक्स डिपार्टमेंट भी हैरान है. नए करोड़पतियों में ठेला और खोमचा लगाने वाले हॉकर, बुनकर और शिल्पकार भी शामिल हैं.चार्टर्ड अकाउंटेंट कमलेश अग्रवाल बताते हैं कि काशी में टूरिज्म आय का सबसे बड़ा स्रोत रहा है. डिवेलपमेंट प्रोजेक्ट के कारण विश्वनाथ धाम और रिंग रोड में जाने वाली जमीन भी लोगों के आय की एक बड़ी स्रोत बन गई. प्रोजेक्ट्स ने बेहद कम समय में लोगों को लखपति और करोड़पति बना दिया. सीए कमलेश अग्रवाल बताते हैं कि 2014 से वाराणसी में डिवेलपमेंट का शुरू हुआ. 2017 के बाद डिवेलपमेंट वर्क धरातल पर मजबूती के साथ नजर आया. इस तरक्की का परिणाम रहा कि वाराणसी में लोगों के आय के स्रोत बढ़ने लगे. लोगों का बैंक बैलेंस मजबूत हो गया और यहां 100 से ज्यादा करोड़पति बन गए.
पीएम मोदी ने बदली काशी की किस्मत
रिंग रोड ने काटा गरीबी का जाल :सीए कमलेश अग्रवाल ने बताया कि नए करोड़पतियों के उत्थान में रिंग रोड के विस्तार और विश्वनाथ धाम की भी एक महत्वपूर्ण भूमिका रही है. पहले बहुत से काश्तकार और किसान रोजी रोटी के लिए मोहताज हुआ करते थे, लेकिन आज वह टैक्सपेयर बन गए हैं. काश्तकारों की जमीन रिंग रोड के लिए अधिग्रहित की गई थी, बदले में उन्हें मोटा मुआवजा मिला था. मुआवजे की रकम ने काश्तकारों को बिजनेस के लिए जमापूंजी बनाने का मौका दिया. इस तरह काश्तदार पांच साल में कारोबारी भी बन गए. जब उनकी आय बढ़ी तो जीएसटी भी जमा कर रहे हैं.

अपने अनुभवों को बताते हुए कमलेश अग्रवाल ने कहा कि वाराणसी के विकास के साथ यहां के लोगों की मानसिकता में भी बदलाव हुआ है. पहले आम लोग इनकम टैक्स देने में कतराते थे, मगर अब खुशी से आमदनी का खुलासा करते हैं और ईमानदारी से टैक्स भरते हैं. आमदनी बढ़ने के बाद पहले जो लोग टैक्स 5 लाख भरते थे, अब वह 20 लाख दे रहे हैं. इसी तरह जो 10 हज़ार देते थे आज वह 2 लाख टैक्स भर रहे हैं.

ठेले खोमचे वाले भी बने टैक्सपेयर : सीए सुदेशना बसु बताती हैं कि काशी में करोड़पतियों के बढ़ने का एक बड़ा कारण वाराणसी का टूरिज्म सेक्टर भी है. कोरोना के बाद जिस तरीके से यहां पर्यटन ने छलांग लगाई, उससे यहां छोटे से लेकर के बड़े कारोबारियों को मुनाफा हुआ. उन्होंने बताया कि शहर में बढ़ते लखपति और करोड़पतियों की संख्या में सिर्फ बड़े कारोबारी ही शामिल नहीं है, बल्कि ठेला, खोमचा लगाने वाले हॉकर, छोटे दुकानदार, बुनकर, शिल्पकार भी टैक्सपेयर में गिने जाते हैं. छोटे दुकानदारों की रोजाना की इनकम 10 से 15 हज़ार रुपये है. टूरिस्ट सीजन में रोजाना 20 हज़ार रुपये कमाते हैं. ऐसे में करोड़पतियों की संख्या में इजाफा होना स्वाभाविक है.


पढ़ें : काशी में हॉट एयर बैलून फेस्टिवल, सतरंगी नजर आया आसमान

ABOUT THE AUTHOR

...view details