नई दिल्लीः वस्तु एवं सेवा कर (GST) अधिकारियों को अब राष्ट्रीय राजमार्गों पर चलने वाले वाणिज्यिक वाहनों की आवाजाही के वास्तविक समय की जानकारी भी हासिल होगी. वाणिज्यिक वाहनों द्वारा लिये जाने वाले ई-वे बिल प्रणाली को अब fastag और RFID के साथ जोड़ दिया गया है. इससे वाणिज्यिक वाहनों पर सटीक नजर रखी जा सकेगी और जीएसटी चोरी का पता चल सकेगा.
GST अधिकारियों की ई-वे बिल मोबाइल ऐप में यह नया फीचर जोड़ दिया गया है. इसके जरिये वह ई-वे बिल का वास्तविक ब्योरा जान सकेंगे. इससे उन्हें कर चोरी करने वालों को पकड़ने और ई-वे बिल प्रणाली का दुरुपयोग करने वालों को पकड़ने में मदद मिलेगी.
GST के तहत 28 अप्रैल, 2018 से व्यापारियों और ट्रांसपोटरों को 50 हजार रुपये से अधिक मूल्य का सामान की अंतरराज्यीय बिक्री और खरीद पर ईवे-बिल बनाना और दिखाना अनिवार्य है. ई-वे बिल प्रणाली में रोजाना औसतन 25 लाख मालवाहक वाहनों की आवाजाही देश के 800 से अधिक टोल नाकों से होती है.
पढ़ेंःनए चक्रवात का खतरा, 27 मई तक ओडिशा तट से टकराने का अनुमान