गुरुग्राम:पुलिस ने नेवी के एक रिटायर कर्मचारी जितेंद्र को पत्नी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है. पुलिस ने हत्या की गुत्थी को एक हफ्ते में सुलझा लिया. हत्या की हकीकत रोंगटे खड़े करने वाली है. क्योंकि पति ने पहले तो गला घोंटकर पत्नी को मौत के घाट उतार और फिर शव के टुकड़े करके अलग-अलग जगह फेंक दिए. इसके बाद पति ने पुलिस थाने में पत्नी की गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई. गुरुग्राम पुलिस ने महज एक हफ्ते में हत्या की गुत्थी सुलझाते हुए आरोपी पति को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया जहां से आरोपी को 3 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है. लेकिन पुलिस जिस अंदाज में हत्यारे तक पहुंची उसकी कहानी भी बिल्कुल फिल्मी है.
मामला क्या था- शुक्रवार 21 अप्रैल को गुरुग्राम के मानेसर इलाके से एक अधजला शव बरामद हुआ था. गुरुग्राम डीसीपी क्राइम विजय गुप्ता ने बताया कि ये एक महिला की लाश थी लेकिन इसका सिर और हाथ, पैर गायब थे. कुल मिलाकर ये महिला का अधजला धड़ था. पुलिस को मौके से एक पॉली बैग भी मिला जो विशाखापट्टनम की एक फैक्ट्री में बना हुआ था. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की और इसी बीच पुलिस को गुरुग्राम के खेड़कीदौला इलाके से महिला के पैर भी बरामद हुआ. वहां भी पुलिस को पॉलीबैग बरामद हुआ. इसी पॉलीबैग ने पुलिस को हत्यारे तक पहुंचाया.
पुलिस की जांच में पता चला कि विशाखापट्टन की ये फैक्ट्री सिर्फ नेवी को ये पॉलीबैग सप्लाई करती है. जिसके बाद पुलिस ने ऐसे मामलों की तलाश शुरू की जिसमें कोई नेवी का कर्मचारी या अधिकारी जुड़ा हो. इसी बीच पुलिस को मानेसर थाने में एक महिला की गुमशुदगी का पता चला, जिसका पति जितेंद्र नेवी से रिटायर्ड था. पुलिस के मुताबिक जितेंद्र नेवी में कुक था और 21 अप्रैल को पत्नी की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करवाई थी. जिसके बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो सारा सच सामने आ गया.
पति ने उतारा था पत्नी को मौत के घाट- डीसीपी क्राइम विजय गुप्ता ने बताया कि इस मामले की जांच में पाया गया कि 21 अप्रैल को जितेंद्र की पत्नी सोनिया घर से बाहर ही नहीं निकली. जबकि आरोपी जितेंद्र को एक ट्रॉली बैग के साथ देखा गया. जो देखने में सामान से भरा हुआ लग रहा था, कुछ देर बाद जितेंद्र बाइक से लौटा तो ट्रॉली बैग खाली लग रहा था.