ग्रीनमैन नरपत सिंह ने रचा इतिहास बाड़मेर.देश में सबसे लंबी साइकिल यात्रा कर राजस्थान के बाड़मेर के रहने वाले ग्रीनमैन नरपत सिंह राजपुरोहित ने नया कीर्तिमान रच दिया है. साइकिल यात्रा कर उन्होेंने हाल में 9 मार्च को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाया है. पर्यावरण संरक्षण का संदेश लेकर साइकिल यात्रा पर निकले ग्रीनमैन नरपत सिंह राजपुरोहित को यात्रा के दौरान कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. यहां तक कि दुर्घटना में हाथ फ्रैक्चर होने के बावजूद वे अपने इरादोंं से डिगे नहीं. बुलंद हौसलों की बदौलत नरपत सिंह ने 30 हजार 121 किलोमीटर का सफर तय कर अपने लक्ष्य को हासिल किया.
जिले के लंगेरा गांव के रहने वाले और ग्रीनमैन के नाम से चर्चित नरपत सिंह राजपुरोहित पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता संदेश लेकर 27 जनवरी 2019 को साइकिल से देश की सबसे लंबी साइकिल यात्रा पर निकले थे. इस साइकिल यात्रा के दौरान तमाम मुश्किलों के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और अपने बुलंद हौसलों के बूते 3 साल में अपनी यात्रा को पूरा किया. नरपतसिंह राजपुरोहित ने कीर्तिमान रचते हुए गिनीज वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाया है जिसके बाद से देशभर से उन्हें बधाइयां मिल रही हैं.
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जम्मू एयरपोर्ट से शुरू की थी यात्रा
ग्रीनमैन नरपतसिंह राजपुरोहित ने बताया कि 27 जनवरी 2019 को जम्मू एयरपोर्ट से साइकिल यात्रा शुरू हुई. यात्रा का उद्देश्य आमजन में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता लाना है. भारत भ्रमण करते हुए 20 अप्रैल 2022 को जयपुर के अमर ज्योति जवान सर्किल पर यात्रा पूरी हुई. उन्होंने बताया कि 20 राज्यों और 6 केंद्र शासित राज्यों के साथ कुल 26 राज्यों से होकर यात्रा गुजरी थी.
ग्रीनमैन ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया नाम 8 विटनेस इकट्ठे किए थे
नरपतसिंह ने बताया कि यात्रा के दौरान रोज कठिनाइयों से सामान करना ही पड़ता था क्योंकि रोज साइकिल पर ही खाना-पीना रहना होता था. अगर साइकिल का टायर पंक्चर हो जाता है तो उसे खींचकर या कंधे पर उठाकर ले जाना होता था क्योंकि साइकिल को गाड़ी में नहीं डाल सकते हैं. साइकिल पर जीपीएस लगा होता है. उन्होंने बताया कि साइकिल यात्रा के दौरान रास्ते में विटनेस फोटो वीडियो आदि होते हैं. कुल 8 विटनेस इक्कठे किए थे तब जाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड हासिल किया है.
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हर परिस्थिति का हंसकर सामना किया
ग्रीनमैन ने बताया कि साइकिल यात्रा के दौरान जंगलों, पहाड़ों, रेगिस्तान, समुद्री इलाकों से गुजरना पड़ा. इतना ही नहीं तेज बारिश, तूफान के बाद भी उन्होंने यात्रा नहीं रोकी. उन्होंने बताया कि 3 साल 2 माह और 24 दिन तक हर मौसम में साइकिल चलाता रहा हूं. हर परिस्थिति का हंसकर सामना किया है तब जाकर यह मुकाम हासिल किया है.
दूध पीकर गुजारनी पड़ी रात
नरपत सिंह राजपुरोहित ने बताया कि मध्य प्रदेश के पहाड़ी इलाकों से एक दिन वह गुजर रहे थे. सुबह के करीब 5:00 बजे तेज बारिश हो रही थी. ऐसे में थोड़ी देर रुक कर बारिश के रुकने का इंतजार किया लेकिन बरसात नहीं थमी. वहां से आगे चला तो गांव वालों ने रोक दिया कि आगे बड़ा नाला है और पानी का वेग तेज है. इसलिए वहां पर एक जगह रुकना पड़ा लेकिन उस टाइम खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं थी फिर जैसे तैसे कर दूध की व्यवस्था की और वही पीकर किसी तरह रात गुजारी.
कोरोना की वजह से यात्रा पर लगा ब्रेक
नरपत सिंह राजपुरोहित ने बताया कि देश की सबसे लंबी साइकिल यात्रा के लिए 3 साल 2 महीने और 24 दिन चलना था. इसमें कोरोना की पहली और दूसरी लहर में कुछ समय के लिए रुकना पड़ा. उन्होंने बताया कि जैसे ही कोरोना की दूसरी लहर कम हुई और लॉकडाउन में छूट मिली उसके बाद फिर से वह अपनी यात्रा पर निकल गए लेकिन इस बीच एक बार टैंपो से उनकी टक्कर हो गई जिससे हाथ में फ्रैक्चर हो गया. इसलिए 2 महीने तक फिर रुकना पड़ा. उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान कोरोना की वजह से कुल डेढ़ साल तक उन्हें अपनी यात्रा रोकनी पड़ी थी.
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ईमेल से मिली वर्ल्ड रिकॉर्ड की जानकारी
नरपत सिंह ने बताया कि साइकिल यात्रा पूरी होने के बाद गिनीज वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिए आवश्यक प्रक्रिया की गई और वेरिफिकेशन होने में 3 से 4 महीने का समय लगा. फिर 9 मार्च 2023 को एक ई-मेल के जरिए जानकारी मिली कि उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि इससे पहले साइकिल पर देश की सबसे लंबी 25 हजार किलोमीटर यात्रा का रिकॉर्ड था जिसे तोड़कर उन्होंने 30 हजार 121 किलोमीटर का नया रिकॉर्ड बनाया है. इस यात्रा के दौरान 95 हजार पौधे लगाने के साथ ही वह लोगों से रूबरू हुए और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया. उन्होंने कहा कि उनकी हर सांस पर्यावरण के प्रति समर्पित रहेगी.
यात्रा के दौरान बने चार रिकॉर्ड:नरपतसिंह राजपुरोहित बताते हैं कि इस साइकिल यात्रा के दौरान इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बना है.