नई दिल्ली :नौ आतंकवादियों की गिरफ्तारी ने देश में हड़कंप मचा दिया है. ये सभी देश के अलग-अलग हिस्सों से हैं. त्योहारी मौसम में जगह-जगह बॉम्ब ब्लास्ट करने की साजिश रची गई थी, लेकिन इसके पीछे की लंबी तैयारी की गई थी. स्लिपर सेल तैयार किए गए थे. देश में इतने सारे लोगों को कैसे भटकाया गया, कैसे उन्हें आतंकी गतिविधियों में लिप्त किया गया, ये बड़ा सवाल है.
दिल्ली पुलिस के पूर्व डीसीपी एलएन राव ने बताया कि पाकिस्तान में बैठे आतंकी अब सीधे हमला करने की बजाय स्लीपर सेल का सहारा लेते हैं. इसके लिए वह अपने आतंकियों को ऐसे लोगों को चिन्हित करने के निर्देश देते हैं जो लालच में आकर या धार्मिक भावनाओं में बहकर उनके जाल में फंस जाएं. इसके लिए खास तौर से बेरोजगारों और युवाओं को चुना जाता है. उन्हें मोटिवेशनल स्पीच या अलग-अलग तरह के लालच देकर अपने आतंकी संगठन में यह लोग शामिल करते हैं. इसके बाद उन्हें अलग-अलग जगह पर रेकी करने और फिर धमाके करने की जिम्मेदारी दी जाती है.
मोटिवेशनल स्पीच और पैसे से चलती है आतंक की पाठशाला, मनी ट्रेल पर कंट्रोल से टूटेगी आतंकियों की कमर - terror funding in india
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने भले ही नौ आतंकी गिरफ्तार कर बड़ी साजिश का पर्दाफाश कर दिया है, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है. पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठन एवं ISI एजेंट भारत में लगातार आतंकियों के नए स्लीपर सेल बना रहे हैं. कैसे आतंकी घटनाओं के लिए स्लीपर सेल बनाये जाते हैं. इस बारे में ईटीवी भारत ने बातचीत की पूर्व डीसीपी एलएन राव एवं पूर्व एसीपी वेदभूषण से.
उन्होंने बताया कि लगभग 15 साल पहले स्पेशल सेल ने पाकिस्तान दूतावास की एक महिला कर्मचारी को काफी रुपयों के साथ गिरफ्तार किया था. वह भारत में मौजूद स्लीपर सेल को रुपये पहुंचाने का काम करती थी, जिसके बाद यह साफ हो गया था कि आतंकी घटनाओं के पीछे पाकिस्तान फंडिंग करता रहा है. उन्होंने बताया दिल्ली पुलिस एवं अन्य सुरक्षा एजेंसियां किसी तरीके से मनी ट्रेल को रोकने में कामयाब रहीं और टेरर फंडिंग नहीं हो सकी तो इस तरीके से आतंकियों की कमर टूट जाएगी और धमाके करना लगभग नामुमकिन हो जाएगा.
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दिल्ली पुलिस के पूर्व एसीपी वेद भूषण ने बताया कि मुंबई ब्लास्ट के बाद से भारत में कोई बड़े धमाके नहीं हुए हैं. इसके चलते पाकिस्तानी आतंकी संगठन लगातार बौखलाया हुआ है. वहां पर आतंकियों के प्रशिक्षण शिविर भारत ने पहले भी सीमा पार जाकर ध्वस्त किये हैं. हाल ही में ISIA चीफ ने तालिबान जाकर वहां के नेताओं से मुलाकात की है, जिसके बाद से वह एक बार फिर सक्रिय होने लगे हैं. उन्होंने अनीश को इस ऑपरेशन के लिए पूरी जिम्मेदारी सौंपी थी जो पूरे मॉड्यूल को फंडिंग कर रहा था.
उन्होंने बताया कि भारत में CAA, NRC, अयोध्या मंदिर, अलग-अलग राज्यों में होने वाले चुनाव और त्योहार आतंकियों के लिए एक मौका है, जिसका फायदा उठाकर वह धमाका करना चाहते हैं. उन्होंने बताया कि देश में कई जगहों पर गद्दार हैं जो भारत का विरोध करते हैं. हाल ही में जिस तरीके से अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा हुआ है, इसके बाद इस तरह के लोग लगातार पाकिस्तान और अफगानिस्तान को सपोर्ट कर रहे हैं. ISI एक बार फिर तालिबान के साथ मिलकर भारत में आतंकी घटना को अंजाम देना चाहता है, लेकिन स्पेशल सेल सहित तमाम सुरक्षा एजेंसियां एवं हिंदुस्तान के लोग ऐसे आतंकी संगठनों को कामयाब नहीं होने देंगे.