नई दिल्ली : अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य निर्धारित समय के अनुसार आगे बढ़ रहा है. यह गर्भ गृह और पांच मंडपों वाला तीन मंजिला मंदिर होगा. पीएम मोदी के पूर्व प्रधान सचिव और अब श्रीराम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने पुष्टि की है कि दिसंबर 2023 तक पहले चरण का काम पूरा हो जाएगा.
मिश्रा ने कहा, "हमारा पहला चरण पूरा करने का लक्ष्य दिसंबर 2023 तक है और तब तक हम गर्भ गृह या प्राण प्रतिष्ठान के हिस्से के रूप में श्रीराम भगवान की (मूर्ति की) स्थापना की उम्मीद कर रहे हैं. ग्रेनाइट पत्थर के साथ चबूतरे (प्लिंथ) का निर्माण फरवरी 2022 में शुरू हुआ था और यह इस अगस्त में पूरा हो जाना चाहिए. प्लिंथ के निर्माण में 5 फीट बाय 2.5 फीट बाय 3 फीट आकार के लगभग 17,000 पत्थरों का उपयोग किया जाएगा. सबसे अच्छी गुणवत्ता वाले पत्थर कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से खरीदे जा रहे हैं."
उन्होंने कहा कि दूसरा चरण जिसमें भूतल का पूरा होना और पांच मंडपों की दो मंजिलें शामिल हैं, दिसंबर 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा, "मंदिर की सुपर संरचना में राजस्थान बंसी पहाड़पुर पत्थर की नक्काशी होगी और यह पहले ही शुरू हो चुका है. अब 75,000 सीएफटी पत्थर की नक्काशी पूरी हो चुकी है. मंदिर में अकेले सुपर स्ट्रक्चर के लिए कुल आवश्यकता लगभग 4.45 लाख सीएफटी पत्थर है. दिसंबर 2025 तक, 71 एकड़ का मंदिर परिसर का काम पूरा हो जाएगा."
भव्य राम मंदिर परिसर की लागत के बारे में पूछे जाने पर, मिश्रा ने कहा, "लागत अभी पक्के तौर पर तय नहीं की गई है और विनिर्देशों को तय किया जा रहा है, क्योंकि हम अभी प्रोग्रेस (कार्य प्रगति पर) पर हैं. हमारा उद्देश्य इसे इस तरह से बनाने को लेकर है कि यह 1000 साल तक टिका रहे और राष्ट्रीय उम्मीदों के साथ भव्यता के उच्च शिखर को भी छुए. हालांकि, हमारी समझ यह है कि लागत शायद 2000 करोड़ रुपये से कम नहीं होगी."