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Grand Parents Day 2023 : विश्व बुजुर्ग दिवस आज, जानें भारत व अन्य देशों में बुजुर्गों की स्थिति में क्या है अंतर

Grand Parents Day : आज विश्व बुजुर्ग दिवस है. आज के समय में देश-दुनिया में बुजुर्ग पारिवारिक अपेक्षाओं के शिकार बन गये हैं. बचपन में भरपूर प्यार-दुलार देने वाले बुजुर्गों की अपेक्षा आज के समय में बड़ी चुनौती है. पढ़ें पूरी खबर..

Grand Parents Day 2023
ग्रैंड पेरेंट्स डे 2023

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 10, 2023, 3:32 PM IST

हैदराबाद : बच्चों को ईश्वरतुल्य कहा जाता है. इसी तरह, बुजुर्गों को उन बच्चों के समान माना जाता है. बचपन के तरफ बुढ़ापा भी जश्न मनाने लायक अवस्था है. लेकिन आज के समय में ज्यादातर परिवारों में बुजुर्गों को अलग रखा जाता है.

इनदिनों बुजुर्गों को गले लगाने और उनकी रक्षा करने के बजाय, ज्यादातर परिवारों लोग उनकी उपेक्षा करते हैं और उन्हें हाशिये पर डाल देते हैं. बुढ़ापा एक अवसर है. वरदान है. लेकिन कई लोग इसे अभिशाप मानते हैं. वे सोच-सोच कर टूट जाते हैं. यदि आप बुढ़ापे को बचपन, जवानी और किशोरावस्था की तरह महसूस करते हैं और इसे सामान्य रूप से सामना करने का साहस करते हैं, तो निश्चय ही बुढ़ापा भी एक वरदान है.

सामाजिक विज्ञान के जानकारों के अनुसार बुढ़ापा केवल शरीर का ही नहीं, बल्कि विकास का भी नाम है. ज्ञान की वृद्धि, अनुभव की वृद्धि और जिम्मेदारी की भावना. यह एक खुशी का समय था. कई वर्षों तक परिवार के लिए काम करने के बाद आराम करने के लिए, एकांत में खुशी ढूंढने का सुनहरा मौसम होता है. कई आयोजनों में भाग लेंगे और कई स्थानों की यात्रा करेंगे.

आंकड़ों में बुजुर्ग

  • सांख्यिकी और योजना कार्यान्वयन मंत्रालय की 'भारत में बुजुर्ग 2021'शीर्षक से प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार 2021 में भारत में लगभग 13.8 करोड़ बुजुर्ग होने का अनुमान व्यक्त किया गया था, जिनमें 6.7 करोड़ पुरुष और 7.1 करोड़ महिलाएं रहने का अनुमान किया गया था.
  • तमिलनाडु में वरिष्ठ नागरिकों की संख्या 2011 में 75.10 लाख से बढ़कर 2021 में 1.04 करोड़ हो गई. 2031 तक इसके बढ़कर 1.42 करोड़ होने की उम्मीद है.
  • तमिलनाडु में वरिष्ठ नागरिकों की संख्या, जो अभी 13.6 प्रतिशत है, बढ़ने की उम्मीद है. 2031 तक 18.2 प्रतिशत, जिससे यह भारत में दूसरा सबसे बड़ा हो जाएगा.

लंबी उम्र का राज

  • जापान में दुनिया की सबसे बुजुर्ग आबादी है. इसकी 27 फीसदी आबादी 65 साल या उससे अधिक उम्र की है. वह था. 2014 में 25.8 प्रतिशत और हर साल लगातार बढ़ रहा है. अनुमान है कि 2030 तक, लगभग जापानी आबादी का एक तिहाई (32.2%) वरिष्ठ नागरिक होने का अनुमान है.
  • जापानी ताजा खाना खाते हैं. आसपास के ग्रामीण इलाकों के खेतों से तोड़ी गई सब्जियां हो, बागानों से फल या नजदीकी तालाब से लायी गई मछलियां, सभी ताजी होती हैं. इनमें से ज्यादातर लोगों के टेबल पर ताजा भोजन खाने के लिए उपलब्ध होते हैं.
  • जापान में मीडियम आंच पर पका खाना ही पकाते हैं. इससे खाद्य पदार्थों में पोषक तत्वों की मात्रा बरकरार रहती है. यही नहीं धीरे-धीरे और संयमित मात्रा में वे भोजन करते हैं, इससे उनका पाचन तंत्र को सुचारू और स्वस्थ रहता है. शरीर मजबूत होता है और वे लंबे समय तक जीवित रहते हैं.
  • पारिवारिक माहौल के मामले में चीन भारत जैसा दिखता है. अपने माता-पिता की देखभाल करना बेटे का कर्तव्य है और हमारे देश की तरह यहां भी बुजुर्ग हैं. हालांकि, वयस्क हमेशा बच्चों पर निर्भर नहीं होते हैं. वे स्वयं के काम की देखभाल खुद करते हैं. यह वह अथक परिश्रम है जो उनकी औसत आयु को 100 पर बनाए रखता है.
  • चीन में 100 साल से अधिक उम्र के लोगों को देखना आम बात है. इससे भी अधिक आश्चर्य की बात यह है कि वे उस उम्र में भी बिस्तर पर पड़े बिना स्वस्थ रहते हैं. चीनी और जापानी में बुजुर्ग साइकिल चलाते हैं और वे अपनी जरूरत की चीजें खुद खरीदते हैं.

चीन में 50-100 लोगों का संयुक्त परिवार आम बात
चीन अपने बुजुर्गों का जश्न मनाता है. मां और पिता उसके साथ रहना वे लोग गर्व की बात मानते हैं. बच्चे एक ही घर में रहते हैं, दादा-दादी की गर्माहट भी मिलती है. 100 लोगों और 50 लोगों का संयुक्त परिवार यहां बहुत आम हैं. यदि काम की परिस्थितियों के कारण उन्हें अपने माता-पिता को छोड़कर अकेले रहना पड़ता है, वे सप्ताह में एक बार उनसे मिलने जाना अपना कर्तव्य बनाते हैं. इसके लिए वे शुक्रवार या शनिवार रात को रवाना होंगे. अगर हम उनसे रविवार को काम पर आने को कहें तो वे मना कर देते हैं.

प्रसिद्ध लोग जिनका पालन-पोषण उनके दादा-दादी ने किया
देखभाल करने वाले अधिकांश लोगों के दादा-दादी उन पर स्नेह करते हैं और बच्चे बिगड़ जाते हैं. यही वाक्या पूरी तरह सही नहीं है. कई सेलेब्स के लिए दादी और दादा ने कदम बढ़ाया और माता-पिता की भूमिका निभाई. इनमें से कुछ मशहूर हस्तियों का पालन-पोषण उनके माता-पिता के तलाक के बाद उनके दादा-दादी ने किया, जबकि अन्य बड़े हुए यह सोचकर कि उनके दादा-दादी वास्तव में उनके मां और पिता थे. इनमें बराक ओबामा,ओपरा विन्फ्रे, जैक निकोलसन, 50 सेंट, जेमी फॉक्स, बिल क्लिंटन और पियर्स ब्रॉसनन प्रमुख हैं.

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