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एआरटीओ की गाड़ी में लगाई जीपीएस डिवाइस, देखें वीडियो

शामली में माफिया द्वारा सरकारी अधिकारियों की रेकी करने से जुड़ा बड़ा खुलासा हुआ है. जनपद के एआरटीओ की गाड़ी में अज्ञात लोगों द्वारा जीपीएस डिवाइस लगाने का मामला सामने आया है. सीसीटीवी फुटेज से हुए खुलासे के बाद एआरटीओ ने पुलिस से शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की है.

एआरटीओ की गाड़ी में लगाई जीपीएस डिवाइस
एआरटीओ की गाड़ी में लगाई जीपीएस डिवाइस

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Published : Aug 3, 2023, 7:31 AM IST

एआरटीओ की गाड़ी में लगाई जीपीएस डिवाइस

शामली: जिले में माफिया द्वारा सरकारी अधिकारियों की रेकी करने से संबंधित कई मुकदमे पूर्व में दर्ज हो चुके है. लेकिन, अब सीसीटीवी फुटेज में कैद हुए आरोपी रात के समय एआरटीओ की गाड़ी में जीपीएस डिवाइस फिट करते हुए नजर आ रहे हैं. आरोपियों की यह हरकत सीसीटीवी में कैद हो गई. इसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ.

दरअसल, जिले के एआरटीओ रोहित राजपूत की गाड़ी पर सदर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला दयाननंदनगर निवासी बाबूराम नाम का व्यक्ति चालक के रूप में तैनात है. बताया जा रहा है कि ड्राइवर बाबूराम रात के समय एआरटीओ की गाड़ी अपने घर पर ले गया था. उसने गाड़ी घर के बाहर खाली प्लाट में खड़ी कर दी थी. इस बीच देर रात कार सवार अज्ञात लोग मौके पर पहुंचे और एआरटीओ की गाड़ी के नीचे कोई डिवाइस लगा दी. डिवाइस लगाने के बाद आरोपी मौके से चले गए.

जानकारी के मुताबिक, बाबूराम के घर के पास ही वार्ड सभासद अनिल उपाध्याय का भी मकान है. वार्ड सभासद ने बताया कि उन्होंने सुरक्षा के मद्देनजर घर पर और आस-पड़ौस की निगरानी के लिए सीसीटीवी लगवा रखे हैं. इनमें यह पूरी घटना कैद हो गई. इसके बाद उन्होंने ड्राइवर और अन्य लोगों को मामले की जानकारी दी.

एआरटीओ रोहित राजपूत ने बताया कि अज्ञात लोगों द्वारा संभवत: उनकी रेकी के लिए विभागीय गाड़ी के नीचे जीपीएस डिवाइस फिट की थी. लेकिन सीसीटीवी से हुई जानकारी के बाद डिवाइस को बरामद करते हुए पुलिस को सौंप दिया गया है. एआरटीओ ने बताया कि मामले के संबंध में शामली कोतवाली पुलिस को उनके द्वारा तहरीर देते हुए कार्रवाई की मांग की गई है.

गौरतलब है कि इससे पूर्व भी जिले के सरकारी अधिकारियों की रेकी के मामले सामने आ चुके हैं. अक्सर खनन माफिया, शराब तस्कर और ओवरलोड वाहनों को कार्रवाई से बचाने के लिए सड़कों पर सक्रिय रहने वाले माफिया और उनके गुर्गे एआरटीओ और खनन अधिकारी समेत जिले के अन्य आलाधिकारियों की रेकी करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हैं. इसके चलते पूर्व में कई मुकदमे भी दर्ज हो चुके हैं.

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