नई दिल्ली : यह बात कई लोगों के जेहन में चल रही होगी कि शौर्य चक्र विजेता ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group Captain Varun Singh) एमआई 17-वी5 हेलिकॉप्टर में क्यों थे? क्योंकि हेलीकॉप्टर को विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान (Wing Commander Prithvi Singh Chauhan) और स्क्वाड्रन लीडर कुलदीप सिंह (Squadron Leader Kuldeep Singh) उड़ा रहे थे.
बीते बुधवार को सीडीएस बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) और उनके दल को ले जा रहा हेलीकॉप्टर तमिलनाडु के कुन्नूर के पास नीलगिरी की पहाड़ियों पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें सवार कुल 14 लोगों में 13 लोगों की मृत्यु हो गई लेकिन वरुण सिंह जीवित बचे हैं, जिनका इलाज चल रहा है.
प्रतिष्ठित रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज में संपर्क अधिकारी के रूप में तैनात वरुण सिंह को अन्य कर्तव्यों के साथ वीआईपी के स्वागत और निरीक्षण की तैनाती भी दी गई थी. इसी उद्देश्य के लिए वे सुलूर में जनरल रावत के साथ हेलीकॉप्टर में सवार हुए. लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था.
जगुआर और तेजस जैसे लड़ाकू विमानों को उड़ाने का पायलट परीक्षण भारतीय वायुसेना में सबसे अच्छा होता है. वरुण सिंह आपातकालीन और संकटपूर्ण स्थितियों में पहले भी बेहतर काम कर चुके हैं. 12 अक्टूबर 2020 को कैप्टन सिंह, तब एक विंग कमांडर और तेजस एलसीए उड़ा रहे थे. तब अचानक ऊंचाई पर कॉकपिट दबाव विफल हो गया था, जिस स्थिति को उन्होंने बेहतर तरीके से संभाला था.