नई दिल्ली :केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने अस्पतालों, डॉक्टरों और कोरोना योद्धाओं की सराहना करते हुए कहा कि वास्तव में वे उस सर्वोच्च सम्मान के हकदार हैं, जोकि देश के रूप में हम उन्हें प्रदान कर सकते हैं. भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एशिया स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन, 2020 को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इनका त्याग व्यर्थ नहीं जाएगा.
कोविड वैक्सीन के संबंध में जानकारी देते हुए गोयल ने कहा कि स्वदेशी वैक्सीन के विकास का काम तीव्र गति से चल रहा है, लेकिन जैसा कि प्रधानमंत्री ने कहा, 'जब तक हम वैक्सीन की खुराक नहीं प्राप्त कर लेते तब तक हम कोरोना को लेकर कतई लापरवाह नहीं हो सकते.'
उन्होंने कहा कि महामारी के खिलाफ संघर्ष में भारत के योगदान को इतिहास कभी भुला नहीं सकेगा. देश में महामारी के कारण लागू किए गए लॉकडाउन को पूरी तरह से तर्कसंगत ठहराते हुए उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कई बार कहा है कि लॉकडाउन ने देश को वास्तव में महामारी से मुकाबले के लिए तैयार करने में मदद की है और यह सुनिश्चित किया है कि भारतीय नागरिक कई अन्य विकसित देशों की तुलना में कहीं बेहतर तरीके से इस आपदा से उबर सकें.
भारत ने जिस तरह का सख्त लॉकडाउन लागू किया उसे दुनिया भर में एक मिसाल माना गया जिसने देश को बहुत बेहतरीन रिकवरी रेट (स्वस्थ होने की दर) हासिल करने में मदद की है.
सीआईआई के प्रयासों की तारीफ करते हुए गोयल ने कहा कि एशिया स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन जैसे कार्यक्रम नए विचारों के अंकुरण, देश की कई समस्याओं के नवीन समाधान को खोजने और वैक्सीन उपलब्ध होने पर उसे दूरदराज और अंतिम छोर तक पहुंचाने में मदद करेंगे.