भोपाल :मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह चिकित्सक के लिखने के बाद कोविड-19 मरीजों को जीवन रक्षक दवाओं की उपलब्धता एक घंटे के अंदर सुनिश्चित करे.
अदालत ने यह भी कहा कि सरकार रेमडेसिमिर इंजेक्शन और अन्य जीवन रक्षक दवाओं की आपूर्ति को नियंत्रित कर सकती है, लेकिन प्रक्रिया परेशानी मुक्त होना चाहिए और दवा की आपूर्ति समयबद्ध होनी चाहिए.
चिकित्सक के लिखने के एक घंटे के अंदर जीवन रक्षक दवाएं मुहैया कराए सरकार :कोर्ट - जीवन रक्षक दवाएं
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह चिकित्सक के लिखने के बाद कोविड-19 मरीजों को जीवन रक्षक दवाओं की उपलब्धता एक घंटे के अंदर सुनिश्चित करे.अदालत ने रेमडेसिविर इंजेक्शन का उत्पादन बढ़ाने तथा आवश्यक पड़ने पर उसके आयात की अनुमति के संबंध में भी निर्देश दिये है.
इसके अलावा, अदालत ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा एवं देशव्यापी समस्या होने के कारण केन्द्र सरकार को औद्योगिक उपयोग की ऑक्सीजन को मेडिकल ऑक्सीजन के लिए उपयोग करने की व्यवस्था पर विचार करना चाहिए और यदि फिर भी यह मेडिकल ऑक्सीजन पर्याप्त नहीं होती है तो इसका आयात करना चाहिए.
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अदालत ने रेमडेसिविर इंजेक्शन का उत्पादन बढ़ाने तथा आवश्यक पड़ने पर उसके आयात की अनुमति के संबंध में भी निर्देश दिये है. यह जानकारी न्यायमित्र एवं वरिष्ठ वकील नमन नागरथ ने दी है. नागरथ ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मोहम्मद रफीक तथा न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन की युगलपीठ ने कोरोना संबंधित याचिकाओं की सुनवाई पर यह निर्देश दिए हैं.