नई दिल्ली: सरकार ने संयुक्त उद्यम हवाई अड्डों (joint venture airports ) से बाहर निकलने का फैसला किया है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक कैबिनेट नोट जारी किया है, जिसमें बेंगलुरु और हैदराबाद हवाई अड्डों में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) की हिस्सेदारी को बेचने की अनुमति मांगी गई है.
सरकार का लक्ष्य दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद के चार संयुक्त उद्यम मेट्रो हवाई अड्डों में अपनी हिस्सेदारी बेचने का है. एएआई के पास बेंगलुरू और हैदराबाद हवाईअड्डों में प्रत्येक में 13% हिस्सेदारी है और दिल्ली और मुंबई हवाईअड्डों में 26% हिस्सेदारी है. सरकारी सूत्रों ने कहा कि पहले चरण में एएआई बेंगलुरु और हैदराबाद हवाई अड्डों की हिस्सेदारी बेचेगा.
हाल ही में, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने राष्ट्रीय मुद्रीकरण योजना के तहत अगले वर्ष तक 13 और हवाई अड्डों के निजीकरण को मंजूरी दी, जिसका उद्देश्य वित्तीय वर्ष 2024 तक हवाई अड्डों में 3,660 करोड़ रुपये का निजी निवेश काे आकर्षित करना है.