दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

SC Collegium : सरकार ने कॉलेजियम से दोबारा भेजे गए 10 प्रस्तावों पर पुनर्विचार करने को कहा - दोबारा भेजे गए 10 प्रस्तावों पर पुनर्विचार

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम से उसके द्वारा दोबारा भेजे गए दस प्रस्तावों पर फिर से विचार करने के लिए कहा है. यह जानकारी राज्यसभा में कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने दी.

Law Minister Kiren Rijiju
कानून मंत्री किरेन रिजिजू

By

Published : Feb 9, 2023, 7:40 PM IST

नई दिल्ली : सरकार ने उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम से उसके द्वारा दोबारा भेजे गए 10 प्रस्तावों पर पुनर्विचार करने को कहा है. कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को राज्यसभा को यह जानकारी दी. एक सवाल के लिखित जवाब में उन्होंने यह भी बताया कि इन 10 प्रस्तावों में से तीन मामलों में उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने नियुक्ति के लिए अपनी पहले की सिफारिश को दोहराया है. उन्होंने कहा कि शेष सात प्रस्तावों पर कॉलेजियम ने उच्च न्यायालय कॉलेजियम से अतिरिक्त जानकारी मांगी है.

रिजिजू ने कहा 'उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम द्वारा दोहराए गए दस प्रस्तावों को हाल ही में पुनर्विचार के लिए उसे वापस भेज दिया गया था.' उन्होंने कहा कि सरकार को लगता है कि उसे मिली विभिन्न रिपोर्टों और सूचनाएं उसकी राय में कॉलेजियम द्वारा आगे विचार करने योग्य है, इसीलिए केंद्र ने इस तरह के दोहराए गए मामलों को पुनर्विचार के लिए उसे भेजा है, जैसा कि अतीत में भी किया गया था. उन्होंने कहा, 'अतीत में ऐसे उदाहरण हैं जब उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने सरकार द्वारा व्यक्त किए गए विचारों से सहमति जताई थी और अपनी दोहराई गई सिफारिशों को वापस ले लिया था.'

वहीं रिजिजू ने न्यायपालिका में आरक्षण पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि वर्तमान में भारतीय न्यायपालिका में कोई आरक्षण नीति नहीं है. बावजूद इसके उन्होंने कॉलेजियम से उन लोगों को शामिल करने के लिए कहा, जिनका सिस्टम में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है. राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान, डीएमके नेता तिरुचि शिवा ने जजों की नियुक्ति में आरक्षण नीति शुरू करने की संभावना पर सरकार विचार करेगी या नहीं, इससे संबंधित मामला उठाया था. रिजिजू ने कहा, मौजूदा नीतियों और प्रावधानों के अनुसार, भारतीय न्यायपालिका में कोई आरक्षण नहीं है.

मंत्री ने कहा, मैंने सभी न्यायाधीशों और विशेष रूप से कॉलेजियम के सदस्यों को याद दिलाया है कि वे पिछड़े समुदायों, महिलाओं और अन्य श्रेणियों के सदस्यों को शामिल करने के लिए नामों की सिफारिश करते समय इसे ध्यान में रखें, जिनका भारतीय न्यायपालिका में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है. टीएमसी सदस्य जवाहर सरकार ने न्यायपालिका के साथ मतभेदों और वर्तमान में खाली पड़े उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के 127 प्रस्तावों पर मंत्री से सवाल किया. सरकार से पूछा, इन प्रस्तावों पर कब विचार किया जाएगा.

रिजिजू ने जवाब दिया, विभिन्न उच्च न्यायालयों में 210 रिक्तियां हैं. रिक्तियों के संदर्भ में, मैं कह सकता हूं कि एक बार जब उच्च न्यायालय के तीन सदस्यीय कॉलेजियम द्वारा नामों की सिफारिश कर दी जाती है, तो यह निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार आगे बढ़ती है. ये 210 नाम, जो वह पूछ रहे हैं, हमें कोई प्रस्ताव नहीं मिला है, इसलिए न्यायपालिका के साथ किसी तरह के तीखे मतभेद का सवाल ही नहीं उठता.

ये भी पढ़ें - Collegium: पटना, हिप्र, गुवाहाटी, त्रिपुरा उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट की सिफारिश

(इनपुट-एजेंसियां)

ABOUT THE AUTHOR

...view details