नई दिल्ली :कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) (Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Scheme) के बजट में कटौती कर दी है और अब इस योजना के तहत लोगों को तय अवधि तक रोजगार नहीं मिल पा रहा है.
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस पर ध्यान देना चाहिए ताकि शहरों से गांव की ओर लौटे गरीब लोगों को रोजगार मिल सके.
उन्होंने संसद भवन के बाहर संवाददाताओं से कहा, प्रधानमंत्री ने मनरेगा को कांग्रेस की सरकार का जीवित स्मारक बताया था. लेकिन यही योजना कोरोना संकट के समय लोगों के काम आई. अब मोदी सरकार इस योजना को खत्म कर रही है.
कांग्रेस नेता ने दावा किया, मनरेगा का बजट 2020-21 में 1.11 लाख करोड़ रुपये रखा था और अब 73 हजार करोड़ रुपये का बजट रखा है. जो पैसा राज्यों को दिया गया उसमें से 63 हजार करोड़ रुपये खर्च हो गया है. 21 राज्यों के पास पैसा नहीं है. अब वह रोजगार के दिन घटाते जा रहे हैं.
खड़गे ने कहा, केंद्र सरकार कहती है कि मनरेगा के लिए पैसे की कमी नहीं है. लेकिन अब लोगों को मनरेगा के तहत तय अवधि तक काम नहीं मिल रहा है. गरीबों और मजदूरों को नुकसान हो रहा है. नवंबर, 2021 में लोगों को सिर्फ औसत 11.66 दिनों को काम मिला.
पढ़ें :बांध सुरक्षा विधेयक राज्यसभा से पारित, 40 साल बाद कानून बनने का रास्ता साफ
उन्होंने कहा, हम प्रधानमंत्री जी से कहना चाहते हैं कि कोविड से प्रभावित हुए ग्रामीण लोगों को रोजगार के अवसर मुहैया कराने पर ध्यान दें.