नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोजगार मेले के तहत गुरुवार को 51,000 से अधिक युवाओं नियुक्ति पत्र वितरित किए और कहा कि उनकी सरकार की नीतियों और फैसलों ने अर्थव्यवस्था को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया है, जिससे रोजगार और स्वरोजगार के लिए अपार संभावनाएं पैदा हुई हैं.
युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित करने के बाद केंद्र और कुछ राज्यों में विभिन्न सरकारी विभागों में नव नियुक्त कर्मचारियों से बात करते हुए उन्होंने उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि वे जहां भी पदस्थ रहें, कल्याणकारी योजनाएं सबसे वंचित लोगों तक पहुंचे. उन्होंने कहा कि इसी से 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने के लक्ष्य को साकार किया जा सकेगा.
मोदी ने कहा कि नवनियुक्त कर्मियों की सबसे बड़ी प्राथमिकता लोगों का जीवन यापन आसान करना चाहिए. पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि दुर्भाग्य से आजादी के बाद लंबे समय तक देश में समानता की सिद्धांत की अनदेखी की गई.
उन्होंने कहा, 'साल 2014 से पहले समाज के एक बड़े वर्ग को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया था. 2014 में जब हमें देश में सेवा करने का मौका मिला तो सबसे पहले हमने वंचितों को वरीयता के मंत्र को लेकर के आगे बढ़ने का काम आरंभ किया.'
उन्होंने कहा, 'सरकार खुद चलकर उन लोगों तक पहुंची जिन्हें कभी योजनाओं का लाभ नहीं मिला. जिन्हें दशकों तक सरकार की तरफ से कोई सुविधा नहीं मिली थी, हम उनका जीवन बदलने का प्रयास कर रहे हैं.' प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार की सोच व कार्य संस्कृति में बदलाव आया है और इसकी वजह से आज देश में अभूतपूर्व परिणाम भी सामने आ रहे हैं.
एक अध्ययन का हवाला देते हुए मोदी ने कहा कि पांच वर्षों में देश के 13 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी से बाहर आए हैं और इससे पता चलता है कि सरकार की योजनाओं का गरीबों तक पहुंचाना कितना बड़ा परिवर्तन लाता है.