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यहां सरकारी स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ा रहे IAS अधिकारी, जानिए वजह

हर अभिभावक अपने बच्चों को बेहतर भविष्य देने के लिए उनका दाखिला प्राइवेट स्कूल में करवाता है. क्योंकि सरकारी स्कूलों की स्थिति प्राइवेट के मुकाबले ज्यादा अच्छी नहीं मानी जाती, लेकिन हरियाणा में एक ऐसे अधिकारी भी हैं. जो अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ा (SDM children studying Government School) रहे हैं. क्योंकि उनका मानना है कि सरकारी स्कूल प्राइवेट से कम नहीं.

सरकारी स्कूल
सरकारी स्कूल

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Published : Sep 8, 2021, 8:42 PM IST

चंडीगढ़: सरकारी स्कूलों में शिक्षा (education in government schools) की गुणवत्ता को लेकर हमेशा से लोगों के मन सवाल उठते रहे हैं. बड़े अफसर हों या मध्यम वर्गीय परिवार, हर कोई अपने बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूलों में कराने की बजाय गैर सरकारी स्कूल में कराना मुनासिब समझते हैं. लेकिन, हरियाणा के जींद जिले के रहने वाले और नूंह में तैनात एसडीएम रणबीर लोहान (Nuh SDM Ranbir Lohan) इस बात को झूठा साबित कर रहे हैं. उनके दोनों बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ रहे हैं, जिनमें से एक ने हाल ही में स्कूल में टॉप किया, वहीं, दूसरे ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक रखे. दोनों बच्चों का दाखिला चंडीगढ़ सेक्टर-22 के स्कूल हुआ है.

हरियाणा के इस IAS अधिकारी सरकारी स्कूल में पढ़ा रहे अपने बच्चे

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान एसडीएम रणबीर की पत्नी आशा देवी ने इस बारे में बताया कि सरकारी स्कूल किसी भी मामले में गैर-सरकारी स्कूलों से कम नहीं हैं. उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में भी बेहतरीन शिक्षक होते हैं. उनका मानना है कि इन स्कूलों में पढ़ाई अच्छी होती है और परीक्षा पास करने पर सरकारी स्कूलों में नौकरी भी लगती है.

उन्होंने कहा कि उनके पति रणबीर लोहान और वह खुद भी सरकारी स्कूल में पढ़े हैं. ये बात झूठी है कि सरकारी स्कूलों में पढ़े बच्चे भविष्य में सफल नहीं हो पाते.

उन्होंने कहा कि सच यह है कि सरकारी स्कूल किसी भी मामले में गैर-सरकारी स्कूलों से कम नहीं है. इसलिए अपने दोनों बच्चों को सरकारी स्कूल में दाखिल कराया. उनकी बेटी ने दसवीं की परीक्षा में 97.6 प्रतिशत अंक लेकर टॉप किया, जबकि उनके बेटे ने दसवीं कक्षा में 92 प्रतिशत से ज्यादा अंक लाए हैं.

सरकारी स्कूल के बच्चे

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स्कूल टीचर और चंडीगढ़ टीचर एसोसिएशन (Chandigarh Teachers Association) के अध्यक्ष स्वर्ण सिंह कंबोज ने इस बारे में बताया कि उनके स्कूल के पढ़े बच्चे आज आईएएस और आईपीएस अधिकारी बन चुके हैं. जो गर्व की बात है. उन्होंने कहा कि यहां काफी कुशल स्टाफ है. जो बच्चों को अच्छे तरीके से पढ़ाता है, इसलिए ये कहना गलत होगा कि सरकारी स्कूल में पढ़ाई अच्छी नहीं होती या सरकारी स्कूल प्राइवेट स्कूलों से किसी भी मामले में कम होते हैं.

सरकारी स्कूल के बच्चों की पढ़ाई

सीनियर लेक्चरर सतिंदर कौर ने बताया कि यहां पर हर वो सुविधा मौजूद है जो प्राइवेट स्कूलों में होती है. यहां अच्छे क्लास रूम हैं. जहां पर बच्चों को हर तरह से अच्छी पढ़ाई करवाई जाती है. बच्चों से कई तरह की अन्य एक्टिविटीज भी कराई जाती हैं, ताकि बच्चे पढ़ाई के अलावा अन्य बातों को भी सीख सकें. बच्चों को खेल में भी प्रोत्साहित किया जाता है.

सरकारी स्कूल के बच्चों की पढ़ाई

स्कूल में पढ़ने वाले छात्र देवेंद्र ने कहा कि स्कूल में टीचर बहुत अच्छी तरह से पढ़ाई करवाते हैं. यहां पर प्राइवेट स्कूलों के मुकाबले पढ़ाई अच्छी होती है. क्लासरूम में प्रोजेक्टर्स भी लगाए गए हैं, ताकि बच्चों को ज्यादा अच्छे तरीके से समझाया जा सके और सभी टीचर बहुत अच्छी तरह से बच्चों को समझाते हैं. इसके अलावा कई अन्य एक्टिविटीज भी करवाई जाती हैं. यहां पर अच्छी पढ़ाई होती है और यहां के छात्रों को पढ़ाई में कोई कमी महसूस नहीं होती.

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