कोलकाता : पूर्व थल सेना प्रमुख जनरल शंकर रॉय चौधरी ने कहा है कि सरकार को कश्मीर में अपनी पहुंच बढ़ाने और वहां के लोगों को आश्वस्त करने की जरूरत है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र बना रहेगा क्योंकि अफगानिस्तान में तालिबान की जीत से पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों द्वारा नए सिरे से हमला करने की आशंका है.
कश्मीर में नब्बे के दशक के शुरुआत में आतंकवाद के चरम पर होने के दौरान 16वीं कोर की कमान संभालने और बाद में उसी दशक के दौरान थल सेना प्रमुख बने जनरल रॉय चौधरी का मानना है कि हाल में तालिबान की जीत से उत्साहित पाकिस्तान जैश-ए-मोहम्मद जैसे समूहों का उपयोग करके 'कश्मीर को लेकर नया प्रयास शुरू करेगा.'
उन्होंने कहा कि भारत को तालिबान के भीतर भारत के प्रति मित्रता का रुख रखने वाले गुटों के अलावा पंजशीर घाटी में तालिबान विरोधी कमांडर दिवंगत अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद के समर्थन वाले पूर्व अफगान सरकारी बलों तक पहुंच बनाने की जरूरत है.
वर्तमान में एक रणनीतिक विचार मंच ‘रिसर्च सेंटर फॉर ईस्टर्न एंड नॉर्थ-ईस्टर्न स्टडीज’ का नेतृत्व कर रहे जनरल रॉय चौधरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा, 'हमें कश्मीरियों तक अपनी पहुंच बढ़ानी होगी, हमें उन्हें पुन:आश्वासन देना होगा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र बना रहेगा.'
केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था. तब अधिकतर कश्मीरी नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था. उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल कश्मीर के नेताओं तक पहुंच बनाने और संवाद की कोशिश की है.
वर्ष 1965 और 1971 के युद्ध का हिस्सा रहे जनरल रॉय चौधरी ने कहा, 'हमें यह समझना होगा कि अफगानिस्तान में तालिबान की जीत को (आतंकवादी समूहों द्वारा) पाकिस्तान की जीत और भारत की हार के तौर पर देखा जा रहा है... हमें जैश-ए-मोहम्मद जैसे तत्वों के नए सिरे से हमलों के लिए अपने आप को संगठित करना होगा.'
उन्होंने कहा, 'हमें कट्टरपंथी तत्वों के समर्थन से पाकिस्तान के मंसूबों के लिए तैयार रहना होगा.'
भारत ने 1990 के दशक के मध्य में तालिबान के सत्ता में आने की अवधि के दौरान, उस शासन के साथ संपर्क रखने से इनकार कर दिया था और उसे पाकिस्तान की सेना के क्रूर छद्म रूप के तौर पर देखा था. उसने अफगान सरकार के बचे तत्वों और बाद में नार्दन अलायंस का समर्थन जारी रखा था, उन्हें प्रशिक्षण और आपूर्ति के साथ सहायता की थी.