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साल 2020 : कोरोना काल में इन स्वास्थ्य योजनाओं की हुई शुरुआत, जानें

कोरोना महामारी से निपटने के लिए भारत सरकार ने हर संभव कदम उठाए, फिर चाहे लॉकडाउन जैसे फैसले हों या फिर वैक्सीन खरीदने के लिए फार्मा कंपनियों से वैक्सीन खरीदने के लिए योजना तैयार करना भारत सरकार ने देश के नागरिकों को हर संभव स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की कोशिश की.

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Published : Dec 24, 2020, 3:50 PM IST

हैदराबाद :कोरोना महामारी से निपटने के लिए भारत सरकार नए हर संभव कदम उठाए, फिर चाहे वह महामारी से बचने के लिए उठाए गए कदम हों, या फिर वैक्सीन खरीदने के लिए फार्मा कंपनियों से वैक्सीन खरीदने के लिए योजना तैयार करना भारत सरकार ने देश के नागरिकों को हर संभव स्वास्थ्य प्रदान करने की कोशिश की है.

इतना ही नहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस वर्ष नागरिकों से संबंधित कई योजनाएं भी शुरू कीं. आईए एक नजर डालते हैं सरकार द्वारा लोगों के स्वास्थ्य संबंधित क्या निर्णय लिए.

नीतियां और योजनाएं
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने घोषणा की कि देश के 50 करोड़ से अधिक गरीब नागरिक प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) के तहत पात्र हैं.

प्रमुख परियोजना

राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 74 वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (NDHM) का शुभारंभ किया. यह नई योजना आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत आती है.

योजना के तहत, प्रत्येक भारतीय को एक आधार जैसी एक स्वास्थ्य आईडी मिलेगी, जिसका माध्यम से हर शख्स का मेडिकल रिकॉर्ड रखा जाएगा. इसमें डॉक्टर से मिलना,, बीमारियां, उपचार के लिए ली गई दवाओं सहित व्यक्ति के मेडिकल रिकॉर्ड को संग्रहित किया जाना शामिल है.

इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक नागरिक के स्वास्थ्य को एक विशिष्ट आईडी के साथ मैप किया जाएगा और फिर इसे टेलीमेडिसिन, ई-फार्मेसी सुविधाओं का उपयोग के लिए नेशनल हेल्थ रजिस्ट्री से जोड़ा जाएगा.

भारत सरकार ने कोरोना वायरस संकट के बीच हिंद महासागर क्षेत्र के राष्ट्रों को सहायता प्रदान करने के लिए मिशन सागर लॉन्च किया. इसके अलावा उत्तराखंड के ऋषिकेश में भारत का पहला रिमोट हेल्थ मॉनिटरिंग सिस्टम स्थापित किया गया.

कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए भारत सरकार ने पांंच अनुसंधान परियोजनाएं शुरू कीं.

मिशन इंद्रधनुष 2.0 की शुरुआत
उत्तर प्रदेश के 35 जिलों में ब्लॉक स्तर पर तीव्र मिशन इन्द्रधनुष 2.0 का दूसरा चरण शुरू किया गया. केंद्र सरकार द्वारा 2017 में शुरू किए गए कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य में दो साल से कम उम्र के बच्चों में 90 प्रतिशत टीकाकरण कवरेज प्राप्त करना है.

पहले दौर पिछले साल दिसंबर में पूरा किया गया था, जबकि दूसरा दौर 7 जनवरी, 2020 को शुरू हुआ था. इसके बाद अगला दौर फरवरी और मार्च महीनों में शुरू होगा और इसमें राज्य के 73 जिलों के 425 ब्लॉक शामिल होंगे.

पहल
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कोविड 19 से निपटने के लिए कंपाउंडियम ऑफ सीएसआईआर टेक्नोलॉजीज का शुभारंभ किया. इसके अलावा उन्होंने ई ब्लड सर्विसेज मोबाइल एप्लिकेशन भी लॉन्च की.

इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ने नई दिल्ली में I-Lab (संक्रामक रोग निदान प्रयोगशाला) को भी लॉन्च किया. काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च नेशनल हेल्थ सप्लाई चेन पोर्टल जिसे आरोग्य पथ भी कहा जाता है. इसको समय पर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए शुरू किया गया.

इतना ही नहीं स्वास्थ्य मंत्री ने 'कोविड इंडिया सेवा' मंच की शुरुआत की. भारत सरकार ने कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए मानव संसाधन का ऑनलाइन डेटा पूल भी लॉन्च किया.

भारत सरकार ने कोविड -19 के प्रबंधन के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) के प्लेटफोर्म पर इंटिग्रेटिड गवर्नमेंट ऑनलाइन ट्रेनिंग (iGOT) नामक पोर्टल लॉन्च किया. इसका उद्देश्य कोविड 19 का मुकाबला कर रहे फ्रंटलाइन वर्कर्स में कुशलता और क्षमता का निर्माण करना है.

इसके अलावा भारत सरकार ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत कोविड-19 फैक्ट चेक यूनिट भी लॉन्च किया. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा संचालित राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र ने एक आरोग्य सेतु एप विकसित किया.

ज्ञापन और डील
भारत और फ्रांस ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें पेरिस ने भारत की कोविड-19 से निपटने के लिए 200 मिलियन यूरो की सहायता देने की प्रतिबद्धता जताई.

इसके अलावा बांग्लादेश ने 3 करोड़ कोविड-19 वैक्सीन खुराक के वितरण के लिए भारत के सीरम संस्थान के साथ एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चिकित्सा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहयोग पर भारत और कंबोडिया के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी.

इसके अलावा पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चिकित्सा उत्पाद विनियमन के क्षेत्र में भारत और ब्रिटेन के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए. कोविड-19 परीक्षण किट को लगभग 200 प्रयोगशालाओं में पहुंचाने के लिए भारत सरकार ने ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) के साथ समझौता किया.

आयुष और आईसीएआर (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) मंत्रालय के तहत संचालित- नेशनल ब्यूरो ऑफ प्लांट जेनेटिक रिसोर्स ने एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद ने ग्रामीण क्षेत्रों में सीएसआईआर प्रौद्योगिकी को अपनाने के लिए उन्नत भारत अभियान, आईआईटी दिल्ली और विंजना भारती के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.

इसके अलावा सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीडीआरआई) ने किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें विभिन्न रोगियों से प्राप्त कोविड-19 वायरस के नमूनों के उपभेदों का अनुक्रम किया गया है.

भारत ने कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के राष्ट्रीय पोलियो निगरानी नेटवर्क से हाथ मिलाया. विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने विप्रो 3 डी के साथ मिलकर प्रोटो टाइप के स्वचालित वेंटिलेटर का निर्माण किया है.

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