नई दिल्ली :ई-संता पोर्टल एक्वाकल्चर किसानों के व्यापार को संवर्धित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक समाधान है. इसका नोडल निकाय नेशनल सेंटर फॉर सस्टेनेबल एक्वाकल्चर (NaCSA) वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (MPEDA) का एक हिस्सा है.
पोर्टल की लांचिंग अवसर पर वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि ई-संता आय, जीवनशैली, आत्मनिर्भरता, गुणवत्ता स्तर, ट्रेसबिलिटी को बढ़ाएगा और हमारे एक्वा किसानों के लिए नए विकल्प प्रदान करेगा. गोयल ने कहा कि मंच औपचारिक रूप से व्यापार करने के पारंपरिक तरीके को बदल देगा.
मंत्री ने कहा कि नया ई-ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म जोखिम कम करके किसानों की आय बढ़ाएगा. उत्पादों और बाजारों के बारे में जागरुकता पैदा करेगा. गलत प्रथाओं के खिलाफ ढाल बनेगा और देश से एक्वा और समुद्री उत्पादों के व्यापार और निर्यात प्रक्रिया को आसान बनाएगा.
गोयल ने कहा कि नया टूल खरीदारों और विक्रेताओं के बीच बाजार से बिचौलियों को खत्म करेगा. यह किसानों और निर्यातकों के बीच कैशलेस, कॉन्टैक्टलेस और पेपरलेस इलेक्ट्रॉनिक ट्रेड प्लेटफॉर्म प्रदान करके पारंपरिक एक्वा खेती में क्रांति लाएगा.
ई-संता सामूहिक रूप से उन उत्पादों का विज्ञापन करने का एक उपकरण बन सकता है, जिस तरह के उत्पाद, खरीदार, मछुआरे और मछली उत्पादक संगठन कर रहे हैं. इसलिए भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोग जान सकते हैं कि क्या उपलब्ध है. यह भविष्य में एक नीलामी मंच बन सकता है.
गोयल ने कहा कि किसानों को एकाधिकार और शोषण का सामना करना पड़ रहा था. निर्यातकों को खरीदे गए उत्पादों में असंगति और गुणवत्ता की कमी का सामना करना पड़ रहा था. एक्वा उत्पादों की ट्रेसबिलिटी अंतरराष्ट्रीय व्यापार में एक बड़ा मुद्दा था जो इस मंच के उपयोग के साथ बदल जाएगा.
ई-संता प्लेटफार्म