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सरकार ने यूक्रेन संघर्ष, जहांगीरपुरी हिंसा की कवरेज को लेकर टीवी चैनलों को कड़ी हिदायत दी - सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर कवरेज परामर्श

सरकार ने समाचार चैनलों को झूठे दावे और निंदनीय सुर्खियों के इस्तेमाल से बचने की सलाह दी है. सरकार ने कहा कि यूक्रेन-रूस युद्ध और दिल्ली दंगों की कवरेज को लेकर उत्तेजक और सामाजिक रूप से अस्वीकार्य भाषा का इस्तेमाल किया गया. 'परमाणु पुतिन' और 'अली, बली और खलबली' जैसे शीर्षकों पर भी आपत्ति जताई.

Govt advisory on coverage of Delhi riots Ukraine conflict
सरकार ने यूक्रेन संघर्ष, जहांगीरपुरी हिंसा की कवरेज को लेकर टीवी चैनलों को कड़ी हिदायत दी

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Published : Apr 24, 2022, 9:37 AM IST

नई दिल्ली: सरकार ने निजी टीवी समाचार चैनलों को झूठे दावे और निंदनीय सुर्खियों के इस्तेमाल से बचने की शनिवार को सलाह देते हुए कहा कि यूक्रेन-रूस युद्ध और दिल्ली दंगों की कवरेज पर कुछ परिचर्चा कार्यक्रमों में उत्तेजक और सामाजिक रूप से अस्वीकार्य भाषा का इस्तेमाल किया गया था.

सरकार ने 'परमाणु पुतिन' और 'अली, बली और खलबली' जैसे शीर्षकों पर भी आपत्ति जताई. सरकार ने समाचार चैनलों को कड़ा परामर्श जारी किया, जिसमें उनसे संबद्ध कानूनों द्वारा निर्धारित कार्यक्रम संहिता का पालन करने के लिए कहा गया है. सरकार ने यूक्रेन-रूस संघर्ष की रिपोर्टिंग करने के दौरान समाचार प्रस्तोताओं (न्यूज एंकर्स) के 'अतिशयोक्तिपूर्ण' बयानों और 'सनसनीखेज सुर्खियां/टैगलाइन' प्रसारित करने तथा 'अपुष्ट सीसीटीवी फुटेज' प्रसारित कर उत्तर-पश्चिम दिल्ली में हुई 'घटनाओं' की जांच प्रक्रिया बाधित करने की कुछ घटनाओं का हवाला दिया है.

सरकार ने यह भी कहा कि उत्तर-पश्चिम दिल्ली में हुई घटनाओं पर टेलीविजन चैनलों पर कुछ परिचर्चा 'असंसदीय, उकसावे वाली और सामाजिक रूप से अस्वीकार्य भाषा में थीं.' गौरतलब है कि पिछले सप्ताह उत्तर पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के अवसर पर एक शोभायात्रा निकाले जाने के दौरान दो समुदायों के बीच झड़प हुई थी. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी परामर्श में कहा गया है, ‘उपरोक्त के संबंध में सरकार टेलीविजन चैनलों के अपनी सामग्री का प्रसारण करने के तरीकों पर गंभीर चिंता प्रकट करती है.'

परामर्श में कहा गया है कि टेलीविजन चैनलों को केबल टेलीविजन नेटवर्क्स (नियमन) कानून 1995 की धाराओं और इसके तहत आने वाले नियमों का उल्लंघन करने वाली किसी भी सामग्री के प्रसारण को तत्काल रोकने की कड़ी हिदायत दी जाती है. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने संवाददाताओं से कहा, 'टीवी चैनल घटनाओं को इस तरह से कवर कर रहे हैं जो अप्रमाणिक लगती हैं. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने मीडिया को परामर्श जारी कर केवल टेलीविजन नेटवर्क (नियामक)अधिनियम-1995 की धारा-20 के प्रावधानों का अनुपालन करने को कहा है.'

परामर्श में कहा गया है कि रूस-यूक्रेन संघर्ष पर रिपोर्टिंग के दौरान यह देखा गया कि चैनल झूठे दावे कर रहे हैं और बार-बार अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों या लोगों का गलत तरीके से उद्धरण दे रहे हैं और 'सनसनीखेज हेडलाइन या टैगलाइन' का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिनका खबरों से कोई संबंध नहीं है. इसमें कहा गया है कि इन चैनलों के कई पत्रकारों और समाचार प्रस्तोताओं ने दर्शकों को भड़काने के इरादे से 'गढ़े हुए और अतिशयोक्तिपूर्ण' बयान दिए.

कार्यक्रम संहिता की धारा छह के तहत कहा गया है कि 'केबल सेवा में ऐसा कोई कार्यक्रम प्रसारित नहीं होना चाहिए जो शालीनता के खिलाफ हो, मैत्रीपूर्ण देशों की आलोचना करता हो, धर्मों या समुदायों पर हमला करता हो या जिसमें धार्मिक समूहों का तिरस्कार करने वाले दृश्य या शब्द हो या जो साम्प्रदायिक विद्वेष बढ़ाता हो, आपत्तिजनक, अपमानजनक, जानबूझकर, झूठी और आधी सच्चाई वाला हो.'

परामर्श में ‘परमाणु पुतिन से परेशान जेलेंस्की', 'परमाणु एक्शन की चिंता से जेलेंस्की को डिप्रेशन' जैसे हेडलाइन या टैगलाइन और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों का 'गलत उद्धरण देते हुए अपुष्ट दावे' करने जैसे कि तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो गया है, के इस्तेमाल का भी हवाला दिया. इसमें कहा गया है, 'एक चैनल ने गढ़ी हुई तस्वीरें प्रसारित कर दावा किया कि यह यूक्रेन पर होने वाले परमाणु हमले का सबूत है. यह पूरी तरह से अनुमान पर आधारित खबर दर्शकों को भ्रमित करने और उनके भीतर मनोवैज्ञानिक उथल-पुथल पैदा करने वाली प्रतीत होती है.'

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दिल्ली दंगों पर मंत्रालय ने एक समाचार चैनल पर तलवार लहराते हुए एक खास समुदाय के व्यक्ति की वीडियो क्लिप बार-बार प्रसारित करने पर आपत्ति जतायी तथा एक अन्य समाचार चैनल के दावे पर भी एतराज जताया कि धार्मिक जुलूस को निशाना बनाकर की गयी हिंसा पूर्व-नियोजित थी. मंत्रालय ने निजी टीवी चैनलों को ऐसी परिचर्चाओं का प्रसारण करने को लेकर भी आगाह किया है जो असंसदीय, उकसावे वाली होती है तथा जिसमें सामाजिक रूप से अस्वीकार्य भाषा, साम्प्रदायिक टिप्पणियां तथा अपमानजनक संदर्भ होते हैं, जिसका दर्शकों पर नकारात्मक मनोवैज्ञानिक असर पड़ सकता है और जो साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ सकते हैं तथा शांति भंग कर सकते हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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