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सरकार ने सशस्त्र बलों के लिए जोखिम और कठिनाई भत्ता बढ़ाया - सेना की सैलरी

खतरे और कठिन स्थानों पर तैनात सैन्य अफसरों और कर्मियों को अतिरिक्त भत्ता देने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई है. सेना कमांडर कांफ्रेंस के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को इस प्रस्ताव को मंजूरी दी. इसके तहत अफसरों को 10,500 और जेसीओ व जवानों को छह हजार रुपये प्रतिमाह का जोखिम भत्ता प्रदान किया जाएगा.

Indian Armed Forces
भारतीय सशस्त्र बल

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Published : Apr 22, 2022, 2:17 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय सशस्त्र बलों (Indian Armed Forces) और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) (Central Armed Police Forces (CAPFs)) के बीच जोखिम और कठिनाई भत्ते में मौजूदा अंतर से जुड़ी एक विसंगति को गुरुवार को हल कर लिया गया. अब सशस्त्र बलों को उनके सीएपीएफ समकक्षों के समान भत्ता स्तर पर अपग्रेड किया गया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चल रहे सेना कमांडरों के सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान यह घोषणा की. भत्ता बढ़ाने का मामला रक्षा विभाग ने मार्च 2019 में और सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए) ने मार्च 2020 में उठाया था.

सभी प्रभावित हितधारकों के बीच उचित विचार-विमर्श के बाद, इसे चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के तत्कालीन अध्यक्ष द्वारा रक्षा मंत्री को प्रस्तुत किया गया था. जहां बाद में इसे मंजूरी दी गई थी. सेना की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि यह प्रावधान तीनों सेनाओं के लिए लागू होगा और एक समय में कठिन क्षेत्रों में तैनात करीब 40 फीसदी अफसरों एवं जवानों को इसका फायदा मिलेगा. बयान में कहा गया है कि अर्धसैनिक बलों में इस प्रकार का भत्ता पहले से दिया जा रहा था.

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लेकिन अब सेनाओं के लिए भी इसे लागू कर इस विसंगति को दूर किया गया है. भत्ते में वृद्धि को एनसीसी इकाइयों, प्रशिक्षण केंद्रों, बीआरओ, एमईएस और अन्य स्टैटिक यूनिट इकाइयों के लिए भी स्वीकार्य है. बयान में कहा गया है कि यदि किसी स्थान विशेष में संशोधित भत्ते में कोई कमी होती है तो मौजूदा भत्ता जारी रहेगा. आपको बता दें कि यह मामला 2019 से ही प्रक्रिया में था. इसलिए इसे 22 फरवरी 2019 से ही लागू करने का फैसला किया गया है. इस फैसले के क्रियान्वयन से 10 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ रक्षा बजट पर पडेगा.

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