दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में FOB के पास हेलीपैड बनाने को सरकार ने दी हरी झंडी

नक्सल प्रभावित राज्यों में सीआरपीएफ के सभी फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस के पास हेलीपैड बनाने को केंद्र सरकार ने हरी झंडी दे दी है. यह जानकारी सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने दी. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट...

CRPF
सीआरपीएफ

By

Published : Aug 31, 2022, 8:03 PM IST

नई दिल्ली:केंद्र सरकार ने नक्सल प्रभावित राज्यों के घने जंगल के अंदर सीआरपीएफ के सभी फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (FOB) के पास हेलीपैड स्थापित करने का फैसला किया है. इस बारे में सीआरपीएफ के एक शीर्ष अधिकारी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने एफओबी के पास हेलीपैड स्थापित करने की मंजूरी दे दी है. उन्होंने कहा, 'जहां भी संभव होगा वहां हेलीपैड स्थापित किए जाएंगे. हालांकि, इस तरह के हेलीपैड स्थापित करना वन प्रबंधन से स्थान और मंजूरी पर निर्भर करता है.'

अधिकारी के मुताबिक ऐसे हेलीपैड का इस्तेमाल नक्सल विरोधी अभियानों के दौरान घायल हुए सुरक्षाकर्मियों के बचाव अभियान में किया जाएगा. दरअसल, दूर-दराज के इलाकों में इस तरह के हेलीपैड बनाने की सीआरपीएफ के द्वारा लंबे समय से मांग की जा रही थी.नक्सल विरोधी अभियानों में लगी सुरक्षा एजेंसियों ने भी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के घने जंगल में अग्रिम संचालन ठिकाने स्थापित करना शुरू कर दिया है, क्योंकि घने वन क्षेत्रों में एफओबी स्थापित करने से माओवादी क्षेत्र से भागने के लिए मजबूर हो गए हैं.

अधिकारी ने कहा कि छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा के अधिकांश नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हमने नक्सलियों के खिलाफ लड़ने के लिए नए एफओबी स्थापित किए हैं. जैसे ही हम घने जंगल में प्रवेश करते हैं, उग्रवादी अपने ठिकानों को छोड़कर नए स्थानों पर भाग जाते हैं. उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ को वामपंथी उग्रवाद के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर मोर्चे में भी बहुत सफलता मिली है. अधिकारी ने कहा कि एजेंसी भारत-पाकिस्तान सीमा पर ड्रोन के उपयोग पर जोर दे रही है.

बता दें कि नई दिल्ली में हाल ही में हुई सुरक्षा समीक्षा बैठक में सभी केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया है. अधिकारी ने कहा कि यह चिंता का विषय है कि आतंकवादी संगठन सीमा पार से हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति के लिए ड्रोन का उपयोग कर रहे हैं. हालांकि हमने विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के बीच अपने समन्वय को मजबूत किया है ताकि हम भारत की सुरक्षा के लिए हानिकारक बलों के इरादों को विफल कर सकें.

ये भी पढ़ें - बीजापुर में सरेंडर नक्सली की हत्या, जांच में जुटी पुलिस

ABOUT THE AUTHOR

...view details