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पुतिन की यात्रा से पहले सरकार ने एके-203 राइफल समझौता को दी अंतिम मंजूरी - एके-203 असॉल्ट राइफल

एके-203 असॉल्ट राइफल, 300 मीटर की प्रभावी रेंज के साथ, हल्की, मजबूत और प्रमाणित तकनीक के साथ आसानी से उपयोग में लाई जा सकने वाली आधुनिक असॉल्ट राइफल हैं. ये वर्तमान और परिकल्पित अभियान संबंधी चुनौतियों का पर्याप्त रूप से सामना करने के लिए सैनिकों की युद्ध क्षमता को बढ़ाएंगी.

AK-203 assault rifles (file photo)
एके-203 राइफल (फाइल फोटो)

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Published : Dec 6, 2021, 7:09 AM IST

नई दिल्ली :केंद्र सरकार (Central Govt.) ने उत्तर प्रदेश के अमेठी (Amethi of Uttar Pradesh) में एके-203 असॉल्ट राइफल (AK-203 assault rifles) के विनिर्माण समझौते को अपनी अंतिम मंजूरी दे दी है. पांच हजार करोड़ रुपये की लागत वाले इस राइफल का विनिर्माण पांच लाख से अधिक संख्या में कोरवा में होगा. आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि इस बड़े सौदे की औपचारिक घोषणा सोमवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के बीच शिखर सम्मेलन में होने की उम्मीद है. सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) ने इस सौदे को मंजूरी प्रदान कर दी. इससे कुछ दिन पहले इसे रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) ने हरी झंडी दिखाई थी.

इस संबंध में एक सूत्र ने कहा कि भारत में रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के प्रयास में, सरकार ने अमेठी के कोरवा में पांच लाख से अधिक एके-203 असॉल्ट राइफलों के उत्पादन की योजना को मंजूरी दी है. पिछले साल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मॉस्को यात्रा के दौरान रूस और भारत दोनों ने सौदे के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी थी.

सूत्रों ने कहा कि उत्तर प्रदेश भारत का रक्षा विनिर्माण केंद्र बनने के मार्ग पर है. एक सूत्र ने कहा कि यह रक्षा अधिग्रहण में खरीद (वैश्विक) से मेक इन इंडिया तक के सफर में लगातार होते बड़े परिवर्तन को दर्शाता है. यह प्रयास रूस के साथ साझेदारी में किया जाएगा और यह रक्षा क्षेत्र में दोनों देशों के बीच गहरी होती साझेदारी को दर्शाता है.

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उन्होंने कहा कि यह परियोजना विभिन्न सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) और अन्य रक्षा उद्योगों को कच्चे माल तथा घटकों की आपूर्ति के लिए व्यावसायिक अवसर प्रदान करेगी, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. ये 7.62 X 39एमएम कैलिबर एके-203 (असॉल्ट कालाश्निकोव-203) राइफल तीन दशक पहले शामिल सेवा में जारी इंसास राइफल की जगह लेंगी.

सूत्रों ने बताया कि एके-203 असॉल्ट राइफल, 300 मीटर की प्रभावी रेंज के साथ, हल्की, मजबूत और प्रमाणित तकनीक के साथ आसानी से उपयोग में लाई जा सकने वाली आधुनिक असॉल्ट राइफल हैं. ये वर्तमान और परिकल्पित अभियान संबंधी चुनौतियों का पर्याप्त रूप से सामना करने के लिए सैनिकों की युद्ध क्षमता को बढ़ाएंगी.

ये आतंकवाद और उग्रवाद रोधी अभियानों में भारतीय सेना की परिचालन प्रभावशीलता को बढ़ाएंगी. उन्होंने बताया कि यह परियोजना इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (Indo-Russian Rifles Private Limited- IRRPL) नामक एक विशेष प्रयोजन के संयुक्त उद्यम द्वारा कार्यान्वित की जाएगी. यह भारत के तत्कालीन ओएफबी-आयुध निर्माणी बोर्ड (अब Advanced Weapons and Equipment India Limited-AWEIL) और म्यूनिशन्स इंडिया लिमिटेड (Munitions India Limited-MIL) तथा रूस के रोसोबोरोनएक्सपोर्ट (Rosobor on export- RoE) एवं कालाश्निकोव के साथ बनाया गया है.

(पीटीआई-भाषा)

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