नई दिल्ली: कांग्रेस ने शुक्रवार को केंद्र सरकार पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) से संबंधित सोशल ऑडिट समय पर नहीं कराने का आरोप लगाया और दावा किया कि सरकार सुनियोजित ढंग से अपने चक्रव्यूह में फंसाकर इस योजना को 'इच्छामृत्यु' दे रही है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने इस खबर का हवाला भी दिया, जिसमें कहा गया है कि कई राज्यों में मनरेगा से संबंधित सोशल ऑडिट इकाइयां निष्क्रीय हो गई हैं.
उन्होंने 'एक्स' पर पोस्ट किया 'ग्राम सभा द्वारा किया जाने वाला सोशल ऑडिट महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम का एक अनिवार्य हिस्सा है. यह जवाबदेही सुनिश्चित करने और पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए है. मूल रूप से इसका उद्देश्य भ्रष्टाचार पर रोक लगाना है.' रमेश ने कहा 'प्रत्येक राज्य में एक स्वतंत्र सोशल ऑडिट होता है, जिसे केंद्र द्वारा सीधे धन दिया जाता है, ताकि उसकी स्वायत्तता बरकरार रखी जा सके. अब इसकी फंडिंग में अत्यधिक देरी की बात सामने आ रही है. इसका नतीजा यह है कि सोशल ऑडिट समय पर नहीं हो पा रहा है.'