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सरकार ने मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसर्रत आलम गुट) पर प्रतिबंध लगाया - मसर्रत आलम गुट पर प्रतिबंध

Muslim League JK Banned : आतंकवादी गतिविधियों को समर्थन देने वाले मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसर्रत आलम गुट) पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इस बारे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पोस्ट में जानकारी दी. पढ़िए पूरी खबर... kashmir separatism, amit shah on masarat alam, masarat aalam kashmir, Muslim league banned,Jammu Kashmir Masarat Alam faction

Union Home Minister Amit Shah
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 27, 2023, 4:29 PM IST

Updated : Dec 27, 2023, 6:06 PM IST

नई दिल्ली :जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल और आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने वाले मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसर्रत आलम गुट, एमएलजेके-एमए) को बुधवार को प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया गया.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत एमएलजेके-एमए पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का संदेश बिल्कुल स्पष्ट है कि देश की एकता, संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.

शाह ने एक्स पर लिखा, 'मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसर्रत आलम गुट) को यूएपीए के तहत एक गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया है. इस संगठन और इसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं, यह संगठन आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करता है और लोगों को जम्मू-कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए उकसाता है.'

मसर्रत आलम भट कौन हैं?

2021 में सैयद अली गिलानी की मृत्यु के बाद अलगाववादी मसर्रत आलम भट को कथित तौर पर हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष के लिए नामांकन मिला. 2015 से, मसर्रत आलम को जम्मू-कश्मीर में अशांति भड़काने से संबंधित कई आरोपों में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है. 52 वर्षीय मसर्रत आलम पहली बार 1990 के दशक की शुरुआत में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद में शामिल हुए, लेकिन बाद में उन्होंने गिलानी के साथ गठबंधन कर लिया.

उन्होंने हिजबुल्लाह के स्थानीय कमांडर के रूप में कार्य किया, जो पाकिस्तान द्वारा समर्थित एक आतंकवादी समूह है. इसकी स्थापना मुश्ताक अहमद भट ने की थी. हुर्रियत कॉन्फ्रेंस में शामिल होने का विकल्प चुनने से पहले 1990 के दशक में मसर्रत आलम भी मुश्ताक के साथ मुस्लिम लीग में शामिल हो गए थे. मसर्रत आलम तहरीक-ए-हुर्रियत में शामिल हो गए और 2003 में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के विभाजन के दौरान गिलानी के साथ चले गए. वह गिलानी के विश्वासपात्र बन गए और तेजी से हुर्रियत में आगे बढ़े.

जमात-ए-इस्लामी, जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) और दुख्तरान-ए-मिल्लत सहित अलगाववादी गुटों के लिए एक छत्र निकाय के रूप में, हुर्रियत कॉन्फ्रेंस की स्थापना 1993 में की गई थी. वहीं 2008-2010 के आसपास मसर्रत आलम, जो हुर्रियत संगठन के भीतर विकास करता रहा, उसने अपने फैसले खुद लेने शुरू कर दिए और गिलानी की स्थिति से अलग हो गया. दावा किया जाता है कि गिलानी की हड़ताल वापस लेने की इच्छा को मसर्रत ने कमजोर कर दिया, जिसने कश्मीर घाटी में पथराव प्रदर्शनों को उकसाया था.

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Last Updated : Dec 27, 2023, 6:06 PM IST

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