जबलपुर :एक दिवसीय दौरे पर आए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (West Bengal Governor Jagdeep Dhankhar) ने कहा कि कोरोना वैक्सीनेशन में हमारे देश ने 100 करोड़ डोज का आंकड़ा पार कर लिया है. इसके लिए मैं देश की सरकार, जनता, कोरोना वारियर्स और हमारे वैज्ञानिकों को भी बधाई देता हूं. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने पश्चिम बंगाल के हालातों का भी जिक्र किया. राज्यपाल ने कहा पश्चिम बंगाल में आज आदमी का डर इतना भयानक है कि वो डर के कारण किसी से चर्चा नहीं कर सकता. ये हालात मैंने पश्चिम बंगाल में देखे है.
उन्होंने कहा कि राज्यपाल के नाते मैं हर संभव प्रयास कर रहा हूं. मैंने 3 दिन तक पूरे प्रान्त में घूमकर वहां के हालात देखें हैं. महामहिम राज्यपाल ने कहा कि पश्चिम बंगाल के हालत से बाहर का मीडिया अवगत नहीं है. यह प्रजातंत्र के लिए बड़ा खतरा है.
जो पश्चिम बंगाल के हालात हैं वह इससे पहले किसी राज्य के नहीं हुए. आजादी के बाद पहली बार देखी ऐसी स्थिति
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि आजादी के बाद ऐसी स्थिति पहली बार हुई है, कि जब किसी राज्य में इतनी भयावह हालात बने हो. मैं 3 दिन तक प्रांत के कई हिस्सों में घूम कर हालात देख रहा था. प्रांत के कई जगहों में रहने वाले लोग तो वहां के हालात से डरकर दूसरे प्रांत में चले गए हैं. इतना सब होने के बाद भी पश्चिम बंगाल की सरकार कह रही है कि यहां पर सब 'ऑल इज वेल' है. मीडिया से भी उन्होंने अपील की है कि पश्चिम बंगाल के हालात का आकलन करें.
केंद्रीय जेल पहुंचे इंदौर के राज्यपाल
मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल (Madhya Pradesh Governor Mangu Bhai Patel) दो दिन के दौरे पर इंदौर आए हैं. इस दौरान राज्यपाल पटेल ने इंदौर के केंद्रीय जेल में एक कार्यक्रम में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने जेल में बंद कैदियों को यात्रा की जानकारी भी दी. राज्यपाल ने कहा कि 'सार्थक जीवन वही है जो मानवता की सेवा में खुद को न्योछावर कर दे. स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि अपना जीवन लेने के लिए नहीं देने के लिए जियें. इसी ध्येय को अपने अंदर समाहित करते हुए जेल में रह रहे बंदी आत्म अवलोकन करें और स्वयं को बेहतर और अच्छा इंसान बनाने का सतत प्रयास करें'.
कैदियों को मिल रही पर्याप्त सुविधा- राज्यपाल
राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने कहा कि उन्होंने जेल परिसर के भ्रमण के दौरान पाया कि केंद्रीय जेल इंदौर में बंदियों की सुविधा के लिए सभी प्रकार के संसाधन उपलब्ध हैं. जेल परिसर में ई-मुलाकात सेवा, दूरभाष सेवा और बंदियों को चिकित्सा सेवा भी प्रदान की जा रही है. जनभागीदारी से जेल के बंदियों को जीवन यापन करने के लिए अनेक प्रकार के कौशल प्रशिक्षण भी दिए जा रहे हैं. मानवता की दृष्टि से जो सुविधा बंदियों को मिलनी चाहिए वह इस जेल परिसर में बंदियों को दी जा रही है.
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