रायपुर: जोरा स्थित इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के 9वें दीक्षांत समारोह का आयोजन विवि परिसर में ही किया गया. बतौर अतिथि सीएम भूपेश बघेल, राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन और कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने 6000 छात्र-छात्राओं को डिग्री प्रदान की. समारोह के बाद कृषि विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी पर सीएम ने मीडिया से बातचीत की. सीएम भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में भर्ती प्रक्रियाे में हो रही देरी के लिए, अब तक आरक्षण बिल का राजभवन में अटकने को लेकर दोष दिया.
बिल अटकने के कारण काॅलेजों को नहीं मिल पा रहे शिक्षक:आरक्षण बिल का राजभवन से अभी कोई फैसला न होने के मुद्दे पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि "यह तो एकदम सही बात है कि," यह विधानसभा में पारित है, लेकिन अभी भी 4 महीने से राजभवन में अटका हुआ है. 2019 में नए महाविद्यालय जो खुले हैं और इस बजट में और नए खुलने वाले हैं, उनमें स्टाफ की, प्रोफेसर की, असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती करनी होगी, लेकिन जब तक आरक्षण बिल अटका हुआ है. तब तक भर्ती प्रक्रिया हम शुरू नहीं कर सकते. बहुत सारे विभाग हैं, एजुकेशन, एग्रीकल्चर, हेल्थ सहित दूसरे विभागों में भर्ती रुकी हुई है."
राज्यपाल बोले-'आस्क टू सीएम':आरक्षण बिल को लेकर राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन पहले भी कई बार बयान दे चुके हैं. कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के बाद जब बिल को लेकर सवाल पूछे गए तो राज्यपाल जवाब देने से बचते दिखे. हालांकि जाते जाते राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने कहा कि "यह सियासी मसला है. मुख्यमंत्री से पूछिए (आस्क टू सीएम)."
कृषि विश्वविद्यालय ने हासिल की है कई उपलब्धियां:मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि "हमारे कृषि विश्वविद्यालय ने अनेक क्षेत्रों में कई उपलब्धियां हासिल की हैं. कृषि के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए इसका महत्वपूर्ण योगदान रहा है. इसमें यहां के वैज्ञानिकों का, छात्र छात्राओं का, विश्वविद्यालय परिसर का योगदान है. हॉर्टिकल्चर में भी हम नए यूनिवर्सिटी लाए हैं. कृषि विश्वविद्यालय जितना पहले थे, उससे दोगुना पिछले 4 सालों में खुला है. इस व्यावसायिक शिक्षा का लगातार छात्र-छात्राओं को अवसर मिलता रहे, यही हमारा प्रयास है." कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विश्वविद्यालय परिसर में पौधे भी रोपे.