नई दिल्ली : मंगलवार को गैर भाजपा नेताओं की ओर से Apple उपकरणों पर प्राप्त चेतावनी का स्क्रीनशॉट साझा करने के बाद एक नया राजनीतिक विदाद खड़ा हो गया. एक ओर जहां भाजपा इन आरोपों को निराधार बता रही है वहीं दूसरी ओर गैर भाजपा नेता जिनमें महुआ मोइत्रा, शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेता शामिल हैं, उन्होंने सरकार पर जासूसी के गंभीर आरोप लगाए हैं. इस मामले में सरकार की ओर से बयान देते हुए भाजपा नेता नलिन कोहली ने सरकार का बचाव किया.
इस बीच Apple ने मंगलवार को विपक्षी नेताओं के आरोपों के बीच दावों का जवाब दिया. कंपनी ने कहा कि यह संभव है कि कुछ एप्पल चेतावनियां गलत अलार्म हो सकती हैं. अपने तकनीकी सहायता पृष्ठ से निकाले गए एक संक्षिप्त बयान में, एप्पल ने कहा कि राज्य-प्रायोजित हमलावर बहुत अच्छी तरह से वित्त पोषित और परिष्कृत होते हैं. ऐसे हमलों का पता लगाना खतरे के खुफिया संकेतों पर निर्भर करता है जो अक्सर अपूर्ण होते हैं. कंपनी ने कहा कि यह संभव है कि कुछ चेतावनियां फॉल्स अलार्म हो सकती हैं या कुछ हमलों का पता नहीं चल पाता है. एप्पल ने यह भी कहा कि वह इस तरह की अधिसूचनाओं के जारी होने के कारणों के बारे में जानकारी देने में असमर्थ है, क्योंकि ऐसा करने से राज्य-प्रायोजित हमलावरों को भविष्य में पता लगाने से बचने के लिए अपने व्यवहार को अनुकूलित करने में मदद मिल सकती है.
फोन हैक कराने का आरोप बिल्कुल बेबुनियाद और गलत : रविशंकर प्रसाद
विपक्षी नेताओं द्वारा सरकार पर अपना फोन टेप करवाने के लगाए जा रहे आरोपों का जवाब देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि सरकार पर लगाए जा रहे आरोप बिल्कुल बेबुनियाद और गलत हैं, इन नेताओं को एप्पल से सफाई मांगनी चाहिए कि यह किस तरह का मैसेज है और कंपनी के जवाब से असंतुष्ट होने पर एफआईआर करवानी चाहिए.
विपक्षी नेताओं द्वारा लगाए जा रहे आरोपों के बारे में भाजपा मुख्यालय में मीडिया द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इन नेताओं को एफआईआर करने से कौन रोक रहा है ? यह क्या मैसेज है और क्यों भेजा गया है, इसके बारे में तो एप्पल कंपनी ही सफाई दे सकती है ?
उन्होंने कहा कि शशि थरूर तो स्वयं आईटी से जुड़ी स्टैंडिंग कमेटी के अध्यक्ष रह चुके हैं, वह इस मामले में एप्पल कंपनी से क्लेरिफिकेशन क्यों नहीं मांगते हैं ? प्रसाद ने चुनौती देते हुए कहा कि अगर ये नेता एप्पल की सफाई से संतुष्ट नहीं होते हैं तो जाकर एफआईआर करवाएं.
प्रसाद ने इन नेताओं के आरोपों को राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों के समान बताते हुए कटाक्ष किया कि यह इस तरह का मामला लग रहा है जैसे राहुल गांधी ने देश भर में हल्ला मचाया था कि पेगासस से उनके फोन की जासूसी हो रही है लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अपना फोन जांच कमेटी को जांच के लिए देने को कहा तो उन्होंने नहीं दिया.
रविशंकर प्रसाद ने सरकार पर लगाए जा रहे आरोपों को बेबुनियाद और गलत बताते हुए कहा कि एप्पल कंपनी से क्लेरिफिकेशन मांगने और एफआईआर दर्ज करवाने की बजाय यह तमाम लोग सरकार पर आरोप लगा रहे हैं जो बिल्कुल बेबुनियाद और गलत है.
कई विपक्षी नेताओं की अपने एप्पल उपकरणों की 'हैकिंग' के आरोप पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि बहुत कम लोग इसके खिलाफ लड़ रहे हैं लेकिन हम डरे हुए नहीं हैं. आप जितनी चाहें उतनी (फोन) टैपिंग कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि मुझे परवाह नहीं है. अगर आप मेरा फोन लेना चाहते हो तो मैं तुम्हें दे दूंगा..."
एएनआई से बात करते हुए बीजेपी नेता नलिन कोहली ने कहा कि महुआ मोइत्रा के खिलाफ बहुत गंभीर आरोप हैं. इसके लिए उन्हें संसद की आचार समिति के सामने भी जाना होगा. जवाब देना होगा. अब वह फोन हैकिंग की बात कर रही हैं. अगर कोई हैक करने की कोशिश करता है तो फोन पर तुरंत नोटिफिकेशन आ जाता है. हम कैसे मान लें कि भारत सरकार ने ऐसा किया है? वह किस आधार पर ऐसा कह रही हैं?
नलिन कोहली ने कहा कि यह ध्यान भटकाने की कोशिश है. साथ ही यह भी संभव है कि उन्होंने खुद ही अपना फोन हैक करने की कोशिश की हो? यह भी संभव हो सकता है.
इस बीच, आप सांसद राघव चड्ढा को भी अपने फोन पर कथित हैकिंग की सूचना मिली और उन्होंने दावा किया कि यह भारत के लोगों पर हमला है. आप सांसद ने कहा कि आज सुबह-सुबह मुझे Apple से एक जानकारी मिली. जिसमें मुझे मेरे फोन पर संभावित राज्य-प्रायोजित स्पाइवेयर हमले के बारे में चेतावनी दी गई थी. ये हमले मुझ पर एक व्यक्ति या एक विपक्षी दल के रूप में नहीं बल्कि भारत के आम लोगों पर हैं. जैसा कि यह है सिर्फ मेरे फोन या मेरे डेटा के बारे में नहीं. हर भारतीय को चिंतित होने की जरूरत है. क्योंकि आज यह मैं हूं, कल यह आप हो सकते हैं.
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा के फोन हैक होने के दावे पर जवाब देते हुए कहा कि सांसद को तुरंत अपना मोबाइल फोन जांच के लिए दिल्ली पुलिस को देना चाहिए. क्या अब भारत सरकार के पास कोई काम नहीं बचा है? चंद रुपयों के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा को गिरवी रखने की आरोपी सांसद का यह घड़ियाली आंसू सच में हंसाता है. दिल्ली पुलिस को तुरंत माननीय सांसद का मोबाइल फोन लेकर जांच करनी चाहिए, सांसद तुरंत निजता के उल्लंघन का मामला दर्ज करना चाहिए. निशिकांत दुबे ने एक्स एक पोस्ट में कहा कि उन्हें राहुल गांधी जी की तरह आरोप लगाकर भागना नहीं चाहिए. उन्होंने मोबाइल टेप के बारे में भी बात की लेकिन फोन नहीं दिया.
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी अपने फोन की कथित हैकिंग का दावा करते हुए आरोप लगाया कि यह केंद्र सरकार का प्रायोजित कार्यक्रम है. जिस तरह से मुझे सोमवार रात चेतावनी मिली, उससे पता चलता है कि यह केंद्र सरकार का प्रायोजित कार्यक्रम है. मुझे सावधानी बरतने की जरूरत है.
चेतावनी में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि ये हमले 'राज्य प्रायोजित' हैं. शिवसेना सांसद ने कहा कि क्या कारण है कि सिर्फ विपक्ष के नेताओं को ही ऐसे संदेश मिल रहे हैं. इससे पता चलता है कि बड़े पैमाने पर निगरानी चल रही है. इस पर जांच होनी चाहिए और केंद्र को इस पर स्पष्टीकरण देने की जरूरत है.
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी कथित हैकिंग का स्क्रीनशॉट साझा किया. उन्होंने कहा कि कल रात ऐप्पल की ओर से एक अलर्ट संदेश मिला कि हैकर्स मेरे फोन को निशाना बना रहे हैं. अपनी वेबसाइट पर Apple सहायता पृष्ठ के अनुसार, राज्य-प्रायोजित हमले अत्यधिक जटिल होते हैं, इन्हें विकसित करने में लाखों डॉलर खर्च होते हैं. अक्सर इनकी शेल्फ लाइफ कम होती है. ऐप्पल का कहना है कि अगर उसे राज्य-प्रायोजित हमले के अनुरूप गतिविधि का पता चलता है, तो वह लक्षित उपयोगकर्ताओं को दो तरीकों से सूचित करेगा. उपयोगकर्ता की ओर से appleid.apple.com पर साइन इन करने के बाद पृष्ठ के शीर्ष पर एक खतरे की अधिसूचना प्रदर्शित की जाएगी. इसके अतिरिक्त, Apple उपयोगकर्ता के Apple ID से जुड़े ईमेल पते और फ़ोन नंबरों पर एक ईमेल और iMessage भेजेगा.