नई दिल्ली : यूक्रेन में बढ़ते तनाव (Russia Ukraine Crisis) के बीच वहां फंसे भारतीय छात्रों (Indian Student) और उनके परिजनों के लिए राहत कि खबर आई है. भारत सरकार यूक्रेन में फंसे छात्रों को सरकारी खर्च पर एयरलिफ्ट करेगी. यूक्रेन पर एक विशेष ब्रीफिंग में, एफएस श्रृंगला ने मीडिया को बताया कि विदेश मंत्रालय के अधिकारियों की टीमों को हंगरी, पोलैंड, स्लोवाकिया और रोमानिया के साथ यूक्रेन की भूमि सीमाओं पर भेजा गया है ताकि भारतीय नागरिकों को वहां से निकलने में सहायता प्रदान की जा सके.
उन्होंने बताया कि लगभग 20 अधिकारी नियंत्रण कक्ष का संचालन कर रहे हैं. जो 24 घंटे काम कर रहा है. भारत अभी भी यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास करेगा. भारत के विदेश मंत्रालय के अनुसार, पिछले कुछ दिनों में 4000 भारतीय नागरिक पहले ही यूक्रेन छोड़ चुके हैं. दिल्ली में अब तक विदेश मंत्रालय के नियंत्रण कक्ष को 980 कॉल और 850 ईमेल मिले हैं. कीव में भारत के दूतावास ने एक ताजा एडवाइजरी जारी की है जिसमें भारतीयों को मजबूत, सुरक्षित और सतर्क रहने के लिए कहा गया है.
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बता दें कि शुक्रवार सुबह यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के कई परिजन नई दिल्ली में यूक्रेनी दूतावास पहुंचे. ईटीवी भारत से बात करते हुए परिजनों ने कहा कि हम अंधेरे में रह रहे हैं क्योंकि हमारे पास ऐसी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है. पहले यूक्रेन से भारत के लिए हवाई शुल्क बेहद महंगा लगभग 1.5-2 लाख रुपए था. लेकिन बाद में, हवाई किराया 60-65000 तक हो गया. कम कर दिया गया, जो कि अंतिम चार्टेड उड़ान का जिक्र था, जिसे बीच में वापस लौटना पड़ा क्योंकि युद्ध के बीच यूक्रेन ने अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया, परिवार के सदस्यों ने कहा।