नई दिल्ली : सिविल एविएशन इंडस्ट्री में लगातार बढ़ती मांग के कारण सरकार ने घरेलू मेंटिनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल सर्विसेज (MRO) पर जीएसटी की दर को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने की घोषणा की है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सोमवार को ट्वीट के जरिये बताया कि अगले 5 वर्षों में 25,000 करोड़ रुपये खर्च करके नए और मौजूदा एयरपोर्ट को विकसित किया जाएगा. इसमें नए टर्मिनलों का निर्माण, मौजूदा रनवे का विस्तार और सुदृढ़ीकरण शामिल है.
एविएशन सेक्टर में रिपेयर और मेंटेनेंस सेवाओं में जीएसटी घटा, 18 से 5 फीसदी हुई दर
घरेलू मेंटिनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल सर्विसेज (MRO) सर्विसेज के लिए जीएसटी (GST) को 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है. उम्मीद जताई जा रही है कि इससे सिविल एविएशन इंडस्ट्री को फायदा मिलेगा.
दिल्ली, हैदराबाद और बेंगलुरु के एयरपोर्ट पर पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत विभिन्न प्रोजेक्ट पर काम जारी है. लगभग 30,000 करोड़ रुपये की इन परियोजनाओं पर 2025 तक काम पूरा हो जाएगा. इसके अलावा पीपीपी मोड के तहत देश भर में नए ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों के विकास के लिए 36,000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई गई है.
सरकार ने पूरे देश में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की स्थापना के लिए सैद्धांतिक मंजूरी देने की भी घोषणा की है. अब तक महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग और शिरडी, पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर, सिक्किम के पकयोंग, केरल के कन्नूर, आंध्र प्रदेश के ओरवकल, कर्नाटक के कलबुर्गी और उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में ऐसे आठ एयरपोर्ट पर संचालन शुरू हो चुका है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार, देश के 11 राज्यों ने एयर टर्बाइन ईंधन पर वैट को 5 प्रतिशत से कम कर दिया है. इन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दादर और नगर हवेली और दमन और दीव, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड शामिल हैं.
भारत में कोविड से पहले वित्तीय वर्ष (2019-20) में यात्रियों की औसत संख्या लगभग 4 लाख प्रति दिन थी. 6 मार्च 2022 को घरेलू एयरलाइंस ने लगभग 3.7 लाख यात्रियों ने हवाई सफर किया. यह उम्मीद जताई गई है कि आने वाले कुछ महीनों में दैनिक हवाई यात्रियों की संख्या कोविड से पहले वाले स्तर को पार कर सकती है. बता दें 31 जनवरी 2022 तक रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (RCS) और उड़ान (UDAN) के तहत उड़े देश के 65 हवाई अड्डों को जोड़ने वाले 403 मार्गों (8 हेलीपोर्ट और 2 वाटर एयरोड्रोम सहित) को चालू किया जा चुका है.
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