नई दिल्ली: सरकार ने शत्रु संपत्तियों के निस्तारण से 3,400 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि अर्जित की है. इनमें ज्यादातर शेयर और सोने जैसी चल संपत्तियां हैं. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. शत्रु संपत्तियां उन लोगों की होती हैं जो विभाजन के दौरान भारत छोड़ गए थे और 1962 व 1965 के युद्ध के बाद पाकिस्तान और चीन की नागरिकता ले चुके हैं.
गृह मंत्रालय (एमएचए) के एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा, 'भारत के शत्रु संपत्ति संरक्षक (सीईपीआई) ने शत्रु संपत्तियों के निपटान से कुल 3,407.98 करोड़ रुपये अर्जित किए हैं, जिसमें 2018-19, 2019-20, 2020-21 और 2021-22 में 152 कंपनियों के 7,52,83,287 शेयर (2,708.9 करोड़ रुपये) और राजस्व प्राप्तियों के रूप में 699.08 करोड़ रुपये शामिल हैं.'
कुल मिलाकर भारत सरकार टकसाल, मुंबई के माध्यम से शत्रु संपत्ति अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार जनवरी 2021 में 49,14,071 रुपये में 1699.79 ग्राम सोना और 10,92,175 रुपये में 28.896 किलोग्राम चांदी के गहने बेचे गए हैं. सरकार ने अब तक किसी भी अचल शत्रु संपत्ति से धनराशि अर्जित नहीं की है.