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Government recovered properties: सरकार ने शत्रु संपत्तियों के माध्यम से 3,400 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि अर्जित की

भारत सरकार ने शत्रु संपत्तियों के निस्तारण से भारी रकम एकत्र की है. गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि 3,400 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि अर्जित की गई है.

Government recovered over Rs 3400 crore through enemy properties
सरकार ने शत्रु संपत्तियों के माध्यम से 3,400 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि अर्जित की

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Published : Feb 21, 2023, 1:36 PM IST

नई दिल्ली: सरकार ने शत्रु संपत्तियों के निस्तारण से 3,400 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि अर्जित की है. इनमें ज्यादातर शेयर और सोने जैसी चल संपत्तियां हैं. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. शत्रु संपत्तियां उन लोगों की होती हैं जो विभाजन के दौरान भारत छोड़ गए थे और 1962 व 1965 के युद्ध के बाद पाकिस्तान और चीन की नागरिकता ले चुके हैं.

गृह मंत्रालय (एमएचए) के एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा, 'भारत के शत्रु संपत्ति संरक्षक (सीईपीआई) ने शत्रु संपत्तियों के निपटान से कुल 3,407.98 करोड़ रुपये अर्जित किए हैं, जिसमें 2018-19, 2019-20, 2020-21 और 2021-22 में 152 कंपनियों के 7,52,83,287 शेयर (2,708.9 करोड़ रुपये) और राजस्व प्राप्तियों के रूप में 699.08 करोड़ रुपये शामिल हैं.'

कुल मिलाकर भारत सरकार टकसाल, मुंबई के माध्यम से शत्रु संपत्ति अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार जनवरी 2021 में 49,14,071 रुपये में 1699.79 ग्राम सोना और 10,92,175 रुपये में 28.896 किलोग्राम चांदी के गहने बेचे गए हैं. सरकार ने अब तक किसी भी अचल शत्रु संपत्ति से धनराशि अर्जित नहीं की है.

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान और चीन की नागरिकता ले चुके लोगों ने कुल 12,611 प्रतिष्ठान या शत्रु संपत्ति छोड़ी हैं. इन 12,611 संपत्तियों में से 12,485 पाकिस्तानी नागरिकों से और 126 चीनी नागरिकों से संबंधित हैं. शत्रु संपत्तियां सीईपीआई के अधीन आती हैं, जो शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत गठित एक प्राधिकरण है.

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शत्रु संपत्तियों की सबसे अधिक संख्या उत्तर प्रदेश (6,255) में पाई गई. इसके बाद पश्चिम बंगाल (4,088), दिल्ली (659), गोवा (295), महाराष्ट्र (208), तेलंगाना (158), गुजरात (151), त्रिपुरा (105), बिहार (94), मध्य प्रदेश (94), छत्तीसगढ़ (78) और हरियाणा (71) रहे. केरल में 71, उत्तराखंड में 69, तमिलनाडु में 67, मेघालय में 57, असम में 29, कर्नाटक में 24, राजस्थान में 22, झारखंड में 10, दमन-दीव में चार और आंध्र प्रदेश और अंडमान में एक-एक शत्रु संपत्तियां हैं.

(अंचित बोरा,पीटीआई-भाषा)

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