नई दिल्ली: सरकार ने स्टार्टअप के लिए एक क्रेडिट गारंटी योजना को अधिसूचित किया है, जिसके तहत उन्हें एक तय सीमा बंधक मुक्त कर्ज दिया जाएगा. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने अधिसूचना में कहा कि योग्य उधारकर्ता को छह अक्टूबर या उसके बाद स्वीकृत ऋण, इस योजना के तहत पात्र होंगे. अधिसूचना के मुताबिक, केंद्र सरकार ने स्टार्टअप के लिए योग्य उधारकर्ताओं को वित्तपोषित करने के लिए सदस्य संस्थानों (एमआई) द्वारा दिए गए ऋण को क्रेडिट गारंटी प्रदान करने के उद्देश्य से 'स्टार्टअप के लिए क्रेडिट गारंटी योजना' (सीजीएसएस) को मंजूरी दी है.'
सरकार ने स्टार्टअप के लिए क्रेडिट गारंटी योजना को अधिसूचित किया
यह योजना स्टार्टअप को जरूरी बंधक मुक्त कर्ज देने में मदद करेगी. एमआई में वित्तीय मध्यस्थ (बैंक, वित्तीय संस्थान, एनबीएफसी, एआईएफ) शामिल हैं। ये संस्थान ऋण देने के लिए योजना के तहत पात्र हैं.
यह योजना स्टार्टअप को जरूरी बंधक मुक्त कर्ज देने में मदद करेगी. एमआई में वित्तीय मध्यस्थ (बैंक, वित्तीय संस्थान, एनबीएफसी, एआईएफ) शामिल हैं। ये संस्थान ऋण देने के लिए योजना के तहत पात्र हैं. विभाग ने कहा, 'प्रति उधारकर्ता अधिकतम गारंटी कवर 10 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होगा. यहां कवर की जा रही क्रेडिट सुविधा किसी अन्य गारंटी योजना के तहत कवर नहीं की जानी चाहिए.
इस योजना के लिए भारत सरकार एक ट्रस्ट या फंड की स्थापना करेगी, जिसका उद्देश्य पात्र उधारकर्ताओं को दिए गए ऋण में चूक की स्थिति में भुगतान की गारंटी देना है. इस फंड का प्रबंधन नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड के बोर्ड द्वारा किया जाएगा.