नई दिल्ली : सरकार ने बुधवार को जारी अपने दिशा-निर्देशों में कहा कि कोविड-19 के वयस्क रोगियों के उपचार में काम आने वाली आइवरमेक्टिन, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, फैविपिराविर जैसी दवाएं और डॉक्सीसाइक्लिन तथा एजिथ्रोमाइसिन जैसी एंटीबायोटिक औषधियां बच्चों के उपचार के लिए अनुशंसित नहीं हैं.
इन आशंकाओं के बीच कि महामारी के मामलों में एक अंतराल के बाद फिर से वृद्धि हो सकती है, सरकार ने बच्चों के लिए कोविड देखरेख केंद्रों के संचालन के वास्ते दिशा-निर्देश तैयार किए हैं.
दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि गंभीर कोरोना वायरस संक्रमण से पीड़ित बच्चों को चिकित्सा देखभाल उपलब्ध कराने के लिए मौजूदा कोविड देखरेख प्रतिष्ठानों की क्षमता में वृद्धि की जानी चाहिए.
इनमें कहा गया है कि बच्चों के लिए कोविड रोधी टीके को स्वीकृति मिलने की स्थिति में टीकाकरण में ऐसे बच्चों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए जो अन्य रोगों से पीड़ित हैं और जिन्हें कोविड-19 का गंभीर जोखिम है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बच्चों के उपचार के बारे में जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि वयस्क कोविड रोगियों के उपचार में काम आने वाली अधिकतर दवाएं जैसे कि आइवरमेक्टिन, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, फैविपिराविर जैसी औषधियां और डॉक्सीसाइक्लिन तथा एजिथ्रोमाइसिन जैसी एंटीबायोटिक दवाओं का कोविड-19 से पीड़ित बच्चों पर परीक्षण नहीं किया गया है तथा इसलिए ये बच्चों के उपचार के लिए अनुशंसित नहीं हैं.