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कोरोना : तीसरी लहर की आशंका से पहले सरकार चौकन्नी, बच्चों के लिए खास तैयारी पर जोर - attack of third covid attack

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने पहले ही चेतावनी दे रखी है कि कोरोना की अगली लहर जल्द आ सकती है और उसमें सबसे अधिक प्रभावित बच्चे हो सकते हैं. ऐसे में सरकार ने अभी से ही तैयारी शुरू कर दी है. नए-दिशानिर्देश भी जारी किए गए हैं. कहा गया है कि बच्चों की देखरेख के लिए अतिरिक्त बिस्तरों का अनुमान महामारी की दूसरी लहर के दौरान विभिन्न जिलों में संक्रमण के दैनिक मामलों के चरम के आधार पर लगाया जा सकता है.

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कोविड (कॉन्सेप्ट फोटो)

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Published : Jun 16, 2021, 5:59 PM IST

नई दिल्ली : सरकार ने बुधवार को जारी अपने दिशा-निर्देशों में कहा कि कोविड-19 के वयस्क रोगियों के उपचार में काम आने वाली आइवरमेक्टिन, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, फैविपिराविर जैसी दवाएं और डॉक्सीसाइक्लिन तथा एजिथ्रोमाइसिन जैसी एंटीबायोटिक औषधियां बच्चों के उपचार के लिए अनुशंसित नहीं हैं.

इन आशंकाओं के बीच कि महामारी के मामलों में एक अंतराल के बाद फिर से वृद्धि हो सकती है, सरकार ने बच्चों के लिए कोविड देखरेख केंद्रों के संचालन के वास्ते दिशा-निर्देश तैयार किए हैं.

दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि गंभीर कोरोना वायरस संक्रमण से पीड़ित बच्चों को चिकित्सा देखभाल उपलब्ध कराने के लिए मौजूदा कोविड देखरेख प्रतिष्ठानों की क्षमता में वृद्धि की जानी चाहिए.

इनमें कहा गया है कि बच्चों के लिए कोविड रोधी टीके को स्वीकृति मिलने की स्थिति में टीकाकरण में ऐसे बच्चों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए जो अन्य रोगों से पीड़ित हैं और जिन्हें कोविड-19 का गंभीर जोखिम है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बच्चों के उपचार के बारे में जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि वयस्क कोविड रोगियों के उपचार में काम आने वाली अधिकतर दवाएं जैसे कि आइवरमेक्टिन, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, फैविपिराविर जैसी औषधियां और डॉक्सीसाइक्लिन तथा एजिथ्रोमाइसिन जैसी एंटीबायोटिक दवाओं का कोविड-19 से पीड़ित बच्चों पर परीक्षण नहीं किया गया है तथा इसलिए ये बच्चों के उपचार के लिए अनुशंसित नहीं हैं.

इसने कहा कि लॉकडाउन हटने या स्कूलों के फिर से खुलने के बाद या अगले तीन-चार महीनों में संभावित तीसरी लहर के दौरान संक्रमण के मामलों में किसी भी वृद्धि से निपटने के लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्र को संयुक्त रूप से प्रयास करने की आवश्यकता है. देखभाल के मूल सिद्धांतों का पालन किया जाना चाहिए.

दिशा-निर्देशों में यह भी कहा गया है कि बच्चों की देखरेख के लिए अतिरिक्त बिस्तरों का अनुमान महामारी की दूसरी लहर के दौरान विभिन्न जिलों में संक्रमण के दैनिक मामलों के चरम के आधार पर लगाया जा सकता है.

मंत्रालय ने कहा कि इससे, बच्चों में संक्रमण के मामलों के बारे में और साथ में यह भी अनुमान लगाया जा सकता है कि उनमें से कितने मरीजों को भर्ती करने की आवश्यकता पड़ेगी.

दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि कोविड से गंभीर रूप से बीमार बच्चों को देखभाल (चिकित्सा) उपलब्ध कराने के लिए मौजूदा कोविड देखरेख केंद्रों की क्षमता को बढ़ाना वांछनीय है. इस क्रम में बच्चों के उपचार से जुड़े अतिरिक्त विशिष्ट उपकरणों और संबंधित बुनियादी ढांचे की जरूरत होगी.

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