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Congress Comments on GDP: सरकार ने बढ़ा-चढ़ाकर बताई जीडीपी : कांग्रेस - Congress Comments on GDP

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.8 फीसदी होने का दावा करने पर कांग्रेस ने शुक्रवार को सरकार पर पलटवार करते हुए कहा कि आंकड़े बढ़ाचढ़ाकर बताए गए हैं. वर्तमान रुझानों के अनुसार, वर्ष 2022-23 के लिए विकास दर 6 प्रतिशत के आसपास रह सकती है, और बढ़ती असमानता के कारण इस निराशाजनक जीडीपी वृद्धि से भी अधिकांश भारतीयों की आय में वृद्धि नहीं होगी.

Government has exaggerated GDP says Congress
जयराम रमेश

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 1, 2023, 11:16 AM IST

नई दिल्ली: चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.8 फीसदी होने का दावा करने पर कांग्रेस ने शुक्रवार को सरकार पर पलटवार करते हुए कहा कि आंकड़े बढ़ा-चढ़ाकर बताए गए हैं. वर्तमान रुझानों के अनुसार, वर्ष 2022-23 के लिए विकास दर 6 प्रतिशत के आसपास रह सकती है, और बढ़ती असमानता के कारण इस निराशाजनक जीडीपी वृद्धि से भी अधिकांश भारतीयों की आय में वृद्धि नहीं होगी.

एक्स, पूर्व ट्विटर पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, 'पिछली शाम सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के तिमाही तिमाही आंकड़ों के सामने आने के बाद कहा कि यह कड़वी सच्चाई है कि आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया है.' महंगाई के कारण उपभोग वृद्धि काफी पीछे है, खासकर ग्रामीण भारत में. आयात वृद्धि निर्यात में वृद्धि से आगे निकल रही है। जो भी दावे किए जा रहे हैं, उनके विपरीत विनिर्माण वृद्धि अभी भी नहीं बढ़ी है.'

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि 'मानसून की कमी का प्रभाव दूसरी तिमाही से दिखना शुरू हो जाएगा और वर्तमान रुझानों के अनुसार, वर्ष 2022-23 के लिए विकास दर 6 प्रतिशत के आसपास रह सकती है.' रमेश ने कहा, 'बढ़ती असमानता के साथ, 6 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि से भी अधिकांश भारतीयों की आय में वृद्धि नहीं होगी.' उन्होंने अपने दावों के समर्थन में जीडीपी आंकड़ों की दो तालिकाएं भी संलग्न कीं.

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा साझा किया गया आधिकारिक डेटा के अनुसार चालू वित्त वर्ष (2023-2024) की अप्रैल-जून तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 की पिछली जनवरी-मार्च तिमाही में 6.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. हालांकि, 2022-23 की जनवरी-मार्च अवधि में दर्ज की गई 6.1 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में, 2023-24 की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि 7.8 प्रतिशत अधिक थी.

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, 'वास्तविक जीडीपी या स्थिर (2011-12) कीमतों पर जीडीपी 2023-24 की पहली तिमाही में 40.37 लाख करोड़ रुपये के स्तर तक पहुंचने का अनुमान है, जबकि 2022-23 की पहली तिमाही में यह 37.44 लाख करोड़ रुपये थी, जो 2022-23 की पहली तिमाही में 13.1 प्रतिशत की तुलना में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है.' आंकड़ों से पता चलता है कि कृषि, खनन, विनिर्माण, बिजली, निर्माण, होटल और परिवहन जैसी सभी गतिविधियों में 2022-23 की पहली तिमाही के मुकाबले 2023-24 की पहली तिमाही में गिरावट देखी गई.

पढ़ें: GDP growth : जीडीपी वृद्धि दर तीन वर्षों में सबसे कम, प्रधानमंत्री के पास चुनौतियों का जवाब नहीं : कांग्रेस

आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के अनुसार, 2023-24 की पहली तिमाही के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि 8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था. हालांकि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में दर्ज की गई जीडीपी वृद्धि आरबीआई के अनुमान से भी कम है.

आईएएनएस

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