नई दिल्ली :उच्च न्यायालय ने कहा कि केंद्र सरकार नये आईटी नियमों के किसी भी उल्लंघन की स्थिति में ट्विटर के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है. न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की एक पीठ ने मामले का अगली सुनवाई 28 जुलाई के लिए तय करते हुए कहा कि यह साफ कर दिया गया है कि अदालत ने कोई अंतरिम आदेश नहीं सुनाया है. अदालत ने प्रतिवादी संख्या दो (ट्विटर इंक) को शपथपत्र दायर करने के लिए समय दिया है, कोई सुरक्षा प्रदान नहीं की गई है. नियमों के किसी भी उल्लंघन के लिए केंद्र प्रतिवादी संख्या दो के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है.
ट्विटर की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सजन ने अदालत से कहा कि ट्विटर भी कोई सुरक्षा नहीं मांग रही है. उन्होंने कहा कि (नियमों का अनुपालन ना करने का) परिणाम यह है कि मध्यस्थों की सुरक्षा खत्म हो जाती है. मैं किसी सुरक्षा की मांग नहीं कर रहा. उच्च न्यायालय ने साथ ही निर्देश दिया कि नियमों के पालन को लेकर शपथपत्र भी नये आईटी कानूनों के तहत ट्विटर द्वारा नियुक्त किए गए अधिकारी दायर करें. इससे पहले पूवय्या ने कहा कि वह अमेरिका से अनुप्रमाणित शपथपत्र मंगा लेंगे और इसमें कुछ समय लगेगा.
इसके बाद पीठ ने कहा कि ट्विटर ने शपथपत्र दायर करने के लिए दो हफ्ते का समय मांगा है और यह उसे दिया जाता है. मंगलवार, 13 जुलाई तक स्कैन की गई प्रतियां दायर करनी होंगी. उच्च न्यायालय ने गत छह जुलाई को ट्विटर से आठ जुलाई तक उसे यह बताने को कहा था कि वह नये आईटी नियमों के अनुरूप कब एक भारतीय शिकायत अधिकारी नियुक्त करेगी.
पूवय्या ने अदालत से कहा कि उसके निर्देश के अनुरूप एक नोट दायर किया गया है जिसमें अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी (सीओओ), भारत निवासी अंतरिम शिकायत अधिकारी (आरजीओ) और साथ ही अंतरिम आधार पर एक नोडल संपर्क अधिकारी की नियुक्ति की स्थिति साफ की गई है.