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अफगान-तालिबान संकट पर सरकार की नजर, भारतीयों के संपर्क में विदेश मंत्रालय

अफगान तालिबान संकट पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार अफगानिस्तान में सभी घटनाक्रमों पर करीब से नजर रखे हुए है. मंत्रालय ने कहा कि अफगानिस्तान में जो भारतीय नागरिक वापस लौटना चाहते हैं और हम उनके संपर्क में हैं.

Bhasha
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Published : Aug 16, 2021, 7:26 PM IST

Updated : Aug 16, 2021, 7:55 PM IST

नई दिल्ली :विदेश मंत्रालय ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में काबुल में सुरक्षा स्थिति काफी खराब हो गई है और यह तेजी से बदल रहा है. अफगान तालिबान संकट पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार अफगानिस्तान में सभी घटनाक्रमों पर करीब से नजर रखे हुए है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हम जानते हैं कि अफगानिस्तान में कुछ भारतीय नागरिक हैं जो वापस लौटना चाहते हैं और हम उनके संपर्क में हैं. हम अफगान सिख, हिंदू समुदायों के प्रतिनिधियों के संपर्क में हैं, जो लोग अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं, उन्हें सुविधा दी जाएगी.

काबुल हवाई अड्डे से वाणिज्यिक संचालन निलंबित, प्रत्यावर्तन प्रयासों में विराम, प्रक्रिया फिर से शुरू करने के लिए उड़ानें फिर से शुरू होने का इंतजार है. विदेश मंत्रालय के अनुसार सरकार भारतीय नागरिकों और अफगानिस्तान में हमारे हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाएगी.

फंसे हुए भारतीय को निकालने के लिए वायुसेना सेना का विशेष विमान ( सी-17 ग्लोबमास्टर) काबुल पहुंच चुका है. एयर इंडिया के सूत्रों के मुताबिक अफगानिस्तान के हवाई क्षेत्र को अनियंत्रित घोषित कर दिया गया है. इसके बाद सभी एयरलाइनों को बंद कर दिया गया है.

दूसरी तरफ अमेरिका से दिल्ली आने वाली उड़ानों को अफगान हवाई क्षेत्र में प्रवेश नहीं करने के लेकर रूट डायवर्ट किया जा रहा है. बता दें कि, अफगान हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण एयर इंडिया की एआई 126 शिकागो-दिल्ली उड़ान को खाड़ी हवाई क्षेत्र की ओर मोड़ा गया है. एयर इंडिया ने एजेंसी को बताया कि अफगान हवाई क्षेत्र के बंद होने के कारण उड़ानें संचालित नहीं हो सकतीं.

वहीं विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने पड़ोसी देश अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर कहा कि भारत पूरी दुनिया में शांति चाहता है. अपने निर्वाचन क्षेत्र में जन आशीर्वाद यात्रा में शिरकत करने के बाद वह मीडियाकर्मियों को संबोधित कर रही थीं. अफगानिस्तान की स्थिति पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में सांसद लेखी ने कहा कि भारत पूरी दुनिया में शांति चाहता है.

यह भी पढ़ें-अमेरिका की बदौलत तालिबान के पास अब एक वायु सेना व 11 सैन्य ठिकाने

ज्ञात हो कि राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश से चले जाने के बाद रविवार को राजधानी काबुल पर तालिबान का कब्जा हो गया और इसी के साथ दो दशक के उस अभियान का आश्चर्यजनक अंत हो गया जिसमें अमेरिका और उसके सहयोगियों ने देश को बदलने की कोशिश की थी.

ताजा घटनाक्रम में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे और राष्ट्रपति अशरफ गनी के शासन के घुटने टेकने के बीच अमेरिका ने कहा है कि अपने नागरिकों, अपने मित्रों और सहयोगियों की अफगानिस्तान से सुरक्षित वापसी के लिए वह काबुल हवाईअड्डे पर 6,000 सैनिकों को तैनात करेगा.

विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने महत्वपूर्ण सहयोगी देशों के अपने समकक्षों से बात की. हालांकि इनमें भारत शामिल नहीं था. अमेरिका और यूरोपीय संघ के नेतृत्व में 60 से अधिक देशों ने संयुक्त बयान जारी किया है जिसमें अफगानिस्तान में शक्तिशाली पदों पर आसीन लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे मानवीय जीवन और संपत्ति की रक्षा की जिम्मेदारी और जवाबदेही लें और सुरक्षा एवं असैन्य व्यवस्था की बहाली के लिए तुरंत कदम उठाएं.

Last Updated : Aug 16, 2021, 7:55 PM IST

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