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एक झटके में सस्ते होंगे खाने वाले तेल, सरकार का बड़ा फैसला

वैश्विक स्तर पर कीमतों में भारी गिरावट के बीच सरकार ने खाद्य तेल कंपनियों को आयातित खाद्य तेल के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) में एक सप्ताह के अंदर 10 रुपये प्रति लीटर तक की और कटौती करने का निर्देश दिया है. साथ ही कंपनियों से कहा गया है कि एक ब्रांड के तेल के दाम पूरे देश में एक ही होना चाहिए.

Government directs companies to cut the MRP of edible oils by up to Rs 10
सरकार का कंपनियों को खाद्य तेलों के एमआरपी में 10 रुपये तक की कटौती का निर्देश

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Published : Jul 7, 2022, 7:20 AM IST

Updated : Jul 7, 2022, 7:49 AM IST

नई दिल्ली : वैश्विक स्तर पर कीमतों में भारी गिरावट के बीच सरकार ने खाद्य तेल कंपनियों को आयातित खाद्य तेल के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) में एक सप्ताह के अंदर 10 रुपये प्रति लीटर तक की और कटौती करने का निर्देश दिया है. साथ ही कंपनियों से कहा गया है कि एक ब्रांड के तेल के दाम पूरे देश में एक ही होना चाहिए. भारत अपनी खाद्य तेल जरूरत का 60 प्रतिशत से अधिक आयात करता है. ऐसे में वैश्विक बाजार के अनुरूप पिछले कुछ माह में खुदरा कीमतें दबाव में आ गई हैं.

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इसकी वजह यह है कि वैश्विक बाजार में खाद्य तेलों के दाम काफी नीचे आए हैं. खाद्य तेल निर्माताओं ने पिछले महीने कीमतों में 10-15 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती की थी और इससे पहले वैश्विक बाजार से संकेत लेते हुए एमआरपी में भी कमी की थी. वैश्विक कीमतों में और गिरावट को ध्यान में रखते हुए खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने सभी खाद्य तेल संघों और प्रमुख निर्माताओं की एक बैठक बुलाई, जिसमें मौजूदा स्थिति पर चर्चा की गई और एमआरपी को कम करके उपभोक्ताओं को गिरती वैश्विक कीमतों का लाभ देने की बात कही गई.

पांडेय ने बैठक के बाद कहा कि हमने एक विस्तृत प्रस्तुति दी और उन्हें बताया कि पिछले एक सप्ताह में वैश्विक कीमतों में 10 प्रतिशत की गिरावट आई है. इसका लाभ उपभोक्ताओं को दिया जाना चाहिए. हमने उन्हें एमआरपी कम करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि प्रमुख खाद्य तेल निर्माताओं ने अगले सप्ताह तक सभी आयातित खाद्य तेलों जैसे पाम तेल, सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल पर एमआरपी को 10 रुपये प्रति लीटर तक कम करने का वादा किया है.

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उन्होंने कहा एक बार इन खाद्य तेलों की कीमतें कम हो जाती हैं तो अन्य तेलों के दाम भी नीचे आएंगे. इसके अलावा खाद्य सचिव ने निर्माताओं से देशभर में समान ब्रांड के खाना पकाने के तेल के लिए एक एमआरपी रखने को कहा है. वर्तमान में विभिन्न क्षेत्रों में एमआरपी में 3-5 रुपये प्रति लीटर का अंतर होता है. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में, विभिन्न क्षेत्रों में बेचे जाने वाले एक ही ब्रांड के खाद्यतेल के एमआरपी में 3-5 रुपये प्रति लीटर का अंतर है. जब परिवहन और अन्य लागत पहले से ही एमआरपी में शामिल होते हैं, तो एमआरपी अलग-अलग नहीं होना चाहिए.

उन्होंने कहा कि कंपनियां इस बात पर सहमत हुई हैं. बैठक में जो तीसरा मुद्दा उठा वह खाद्य तेल ब्रांडों के अनुचित व्यापार व्यवहार को लेकर उपभोक्ताओं की बढ़ती शिकायतें थीं. सचिव ने कहा कि कुछ कंपनियां पैकेज पर लिख रही हैं कि खाद्य तेल 15 डिग्री सेल्सियस पर पैक किया जाता है. इस तापमान पर तेल फैलता है और वजन कम होता है. आदर्श रूप से उन्हें 30 डिग्री सेल्सियस पर पैक करना चाहिए. 15 डिग्री सेल्सियस पर पैक करने से तेल फैलता है और वजन कम होता है.

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लेकिन कम वजन पैकेज पर नहीं छपा है, जो अनुचित व्यापार प्रथा है. उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए कंपनियां यह कहते हुए छपाई कर रही हैं कि 910 ग्राम का खाद्य 15 डिग्री सेल्सियस पर पैक किया जाता है, लेकिन वास्तविक वजन 900 ग्राम से कम होगा. उन्होंने कहा कि उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय को भी इसकी जानकारी है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, छह जुलाई को पाम तेल का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य 144.16 रुपये प्रति किलो, सूरजमुखी तेल का 185.77 रुपये प्रति किलो, सोयाबीन तेल का 185.77 रुपये प्रति किलो, सरसों तेल का 177.37 रुपये प्रति किलो और मूंगफली तेल का 187.93 रुपये प्रति किलो था.

Last Updated : Jul 7, 2022, 7:49 AM IST

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