इंदौर। ग्रामीण क्षेत्रों से हर साल एक बड़ी आबादी का शहरों की ओर पलायन से बढ़ती शहरी आबादी के मद्देनजर अब देशभर के महानगरों में बड़ी आबादी के मद्देनजर सुनियोजित विकास की जरूरत महसूस की जा रही है. इसके साथ ही सरकार देश में 8 नए शहर बसाने पर विचार कर रही है, लिहाजा इंदौर में इसे लेकर पहली बार 'अर्बन 20' (यू20) सम्मेलन आयोजित हो रहा है, जिसमें देश के विभिन्न शहरों के 16 महापौर समेत 250 डेली गेट और 80 से ज्यादा शहरी विकास से जुड़े अधिकारी लोकल स्ट्रैंथ, डिजिटाइजेशन और अर्बन प्लैनिंग पर मंथन कर रहे हैं, जिसे G-20 डिस्कशन में शामिल किया जाएगा.
देश में 8 नए शहर बसाने पर विचार कर रही है सरकार:विभाग की जी20 इकाई के निदेशक एमबी सिंह ने इंदौर में 'अर्बन 20' (यू20) की एक बैठक के इतर "पीटीआई-भाषा" को बताया कि "15वें वित्त आयोग की एक रिपोर्ट में देश में नए शहर विकसित किए जाने की अनुशंसा की गई थी, इसके बाद राज्यों ने 26 नए शहर विकसित किए जाने के प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे हैं और छंटनी के बाद इनमें से 8 नए शहर बसाए जाने पर विचार किया जा रहा है. योजना के परीक्षण के बाद सरकार नए शहरों से संबंधित स्थानों और इन्हें विकसित किए जाने की समय सीमा के बारे में विधिवत घोषणा करेगी."
क्यों जरूरी है देश में नए शहर बसाना:एमबी सिंह ने कहा कि "हमें देश में नए नगर बसाने ही होंगे, क्योंकि मौजूदा शहर नागरिकों की जरूरतों का बोझ नहीं उठा पा रहे हैं. मौजूदा शहरों के बाहरी हिस्सों में बेतरतीब विस्तार से इन शहरों का मूल नियोजन प्रभावित हो रहा है. हर नया शहर बसाए जाने के बाद इसके कम से कम 200 किलोमीटर के दायरे में सामाजिक और आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी. नए शहर बसाए जाने के संबंध में वित्तीय खाका अभी तय नहीं किया गया है, लेकिन इस परियोजना के वित्तपोषण में बड़ा हिस्सा केंद्र सरकार का ही रहेगा."